जयस की रेखा निनामा के इस्तीफे के बाद हुआ था उपचुनाव: जिला पंचायत के इस वार्ड से पूर्व में जयस की रेखा निनामा सदस्य निर्वाचित हुई थी। शिक्षक पद के लिए चयन होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसलिए इस सीट पर उपचुनाव करवाने पड़े। इस बार जयस का जादू मतदाताओं पर नहीं चला। इसके चलते उनकी समर्थित प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रही।
नोटा पर मोहर लगाकर मतदाताओं ने जताई नाराजगी : उपचुनाव में मतदान 58.86 प्रतिशत से था। कम मतदान प्रतिशत के बावजूद नोटा को 726 वोट मिले। जबकि भाजपा-कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के बीच हार जीत का अंतर महज 339 है। इससे साफ जाहिर होता है कि मतदाताओं में कहीं ना कहीं चुनाव से दूरी बना ली थी। जो वोट देने के लिए गए थे, उन्होंने नोटा पर मोहर लगाकर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की।
इस जीत के बाद कांग्रेस ने जमकर जश्न मनाया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश रांका और विधायक वीरङ्क्षसह भूरिया के नेतृत्व में ढोल-ढमाकों के साथ जुलूस निकाला गया। इस मौके पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश रांका ने कहा कि यह जीत कार्यकर्ताओं की जीत है। कार्यकर्ताओं ने 64 बूथों पर निष्ठापूर्वक कार्य किया। यही नतीजे विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेंगे।
चुनावी साल में इस हार से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि उपचुनाव को विधानसभा चुनाव की प्री एग्जाम बताया जा रहा था।जिपं का यह वार्ड थांदला विधानसभा में आता है। वर्तमान में यहां से कांग्रेस विधायक है।भाजपा से पहले राउंड में करीब 842 वोट के बड़े मार्जिन से पिछडऩे से भाजपा उत्साहित नजर आ रही थी वही कांग्रेस ने भाजपा के प्रारंभिक उत्साह पर पानी फेरते हुए अंतिम राउंड में वापसी करते हुए अंतत: जीत हासिल की।
दिग्गज लगे थे चुनाव में
विधानसभा को देखते हुए संजीवनी की तरह साबित होने वालें जिला पंचायत चुनाव प्रचार जहां भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व विधायक व अजजा के प्रदेशाध्यक्ष कलङ्क्षसह भाबर, जिलाध्यक्ष भानु भूरिया समेत स्थानीय नेताओं के साथ शासन प्रशासन की बैसाखियों के सहारे रहा। वही कांग्रेस के लिए विधायक वीरङ्क्षसह भूरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष सोनल जसवंत भाभर, जिलाध्यक्ष प्रकाश रांका व नन्दलाल मेड़ के इर्दगिर्द रहा।
जयस के अरमानों पर फिरा पानी
यह महज जिला पंचायत सदस्य का ही चुनाव मात्र नहीं था। अपितु इस सीट पर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भी दाव पर थी। वही आने वाली विधानसभा के लिए रिहर्सल की तरह माने जाने वाले इस उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा जयस ने सीट बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। सोशल मीडिया पर भाजपा के दिग्गज नेताओं ने तो अपने प्रत्याशी के जीत का दावा करते हुए एक-दूसरे को बधाई तक देना शुरू कर दिया था, लेकिन विपरीत परिणामों ने उनकी तैयारी की हवा निकाल दी।