Gonda News:
गोंडा जिले के तरबगंज थाना के गांव महादेव बैरिया के रहने वाले अमरनाथ बहराइच जिले में मलेरिया इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत हुए थे। वर्ष 2020 में उनकी मौत हो गई। इसके बाद भी बेटा 5 साल तक मृतक पिता का पेंशन लेट रहा। इस मामले में गोपनीय शिकायत होने के बाद जांच कराई गई तो पोल खुल गई। आरोपी बेटा रामप्रताप सिंह ने अपने पिता के मौत की जानकारी कोषागार प्रशासन को नहीं दी थी। और पेंशन लेट रहा।
गोपनीय शिकायत के आधार पर हुई जांच तो खुल गई पोल
मुख्य कोषाधिकारी श्यामलाल जायसवाल ने बताया कि आठ अप्रैल को एक गोपनीय शिकायत मिलने के बाद तहसीलदार तरबगंज ने जांच की थी। पाया गया कि अमरनाथ सिंह की 2020 में मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद अधिकारी हरकत में आ गए। मुख्य कोषाधिकारी ने नगर कोतवाली पुलिस में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की।
पिता की मौत के बाद निकाला 16 लाख 33 हजार रुपये
दरअसल वर्ष 1996 में तरबगंज के बैरिया गांव के रहने वाले अमरनाथ सिंह बहराइच जिले में बतौर मलेरिया इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत्त हो गए थे। 2020 में उनकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उत्तराधिकारी उनके बेटे राम प्रताप सिंह बिना सूचना दिए जिला कोषागार से पेंशन ले रहे थे। उन्होंने बताया कि 11 अप्रैल से 20 मार्च 2025 के बीच कुल 16 लाख 33 हजार रुपये पेंशन के तौर पर हासिल किए हैं नगर कोतवाल बोले- केस दर्ज कर जांच की जा रही
इस संबंध में नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि कोषाधिकारी की तहरीर पर मृतक इंस्पेक्टर के बेटे राम प्रताप सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी समेत गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। छानबीन की जा रही है।