विधायक और पुलिसकर्मियों के बीच हुई थी हाथापाई
दरअसल, पिछले कुछ समय से अजय मिश्रा और विधायक नंदकिशोर गुर्जर के बीच तनातनी चल रही थी। यह विवाद 20 मार्च को उस समय चरम पर पहुंच गया जब लोनी में बिना अनुमति के निकाली जा रही कलश यात्रा को पुलिस ने रोका। इस दौरान विधायक और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई हो गई, जिसमें विधायक के कपड़े भी फट गए थे। इसके बाद विधायक ने सार्वजनिक मंच से पुलिस कमिश्नर और मुख्य सचिव को खुली चुनौती दे डाली थी।
समर्थक अजय मिश्रा के खिलाफ कर रहे थे प्रदर्शन
घटना के बाद से ही विधायक अपने समर्थकों के साथ अजय मिश्रा के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस प्रशासन उन्हें और उनके समर्थकों को अनावश्यक रूप से निशाना बना रहा है। इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने सरकार से कमिश्नर को हटाने की मांग की थी। अंततः 15 अप्रैल को जारी किए गए तबादलों की सूची में अजय मिश्रा का नाम भी शामिल था। लोगों की मानें तो जैसे ही इस तबादले की खबर सामने आई, नंदकिशोर गुर्जर के समर्थकों ने उनके आवास पर इकट्ठा होकर खुशी मनाई। ढोल-नगाड़ों की धुन पर जमकर नाच-गाना हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में विधायक स्वयं भी लोगों को माला पहनाते और प्रसन्न मुद्रा में नजर आ रहे हैं।
कौन हैं आईपीएस अजय मिश्रा
बता दें कि अजय मिश्रा, बलिया जिले के मूल निवासी हैं और 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्ष 2022 में उन्हें गाजियाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, लेकिन स्थानीय स्तर पर हुए टकराव और राजनीतिक विवादों ने उनके कार्यकाल पर असर डाला। सरकार द्वारा किया गया यह तबादला जहां प्रशासनिक निर्णय बताया जा रहा है, वहीं स्थानीय राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से इसे विधायक की मांग की पूर्ति के तौर पर भी देखा जा रहा है।