असलाह बाबू के दुस्साहस की हद उस समय हो गई जब उसने बेखौफ इतना तक कह दिया कि यहां पर बिना सुविधा शुल्क कोई काम नहीं होता। मामला सत्तादल के विधायक से जुड़ा होने पर डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
बताया जाता है कि बुलंदशहर के सदर क्षेत्र के विधायक प्रदीप चौधरी का परिवार गजियाबाद के इंदिरापुरम में रहता है। विधायक और उनके परिवार के शस्त्र लाइसेंस गाजियाबाद से बने हैं। विधायक ने बताया कि उन्हें अपनी पिस्टल, रायफल और अपने भाई जीतपाल की पिस्टल के लाइसेंस का नवीनीकरण कराना था। नवीनीकरण का शुल्क 12, 500 रुपए बैठता है। लेकिन असलाह बाबू ने उनसे 48,000 रुपए की मांग कर डाली।
असलाह बाबू ने कहा कि जितने रुपए मांगे हैं, उतने तो देने होंगे। मजबूरी में विधायक को अपने शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण के लिए ये रुपए देने पड़े। इसके बाद उन्होंने 15 अप्रैल को मामले की शिकायत डीएम से की। डीएम का कहना है कि शिकायत मिलने पर इसकी जांच सीडीओ को सौंप दी है। दूसरी ओर असलाह बाबू शैलेष गुप्ता का कहना है कि शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण से संबंधी कार्य कई आफिसों में होते हैं। विधायक से रिश्वत किसी और ने ली होगी। विधायक उनके पास आए ही नहीं।
वहीं दूसरी ओर विधायक प्रदीप चौधरी का कहना है कि भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचार की जगह नहीं है। इसके बावजूद कर्मचारी और अधिकारी सरकार की छवि खराब करने के लिए ऐसे कार्य कर रहे हैं। भ्रष्टाचार मामले में किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। इस मामले में कड़ी जांच होनी चाहिए। अगर पारदर्शी तरीके से जांच नहीं हुई तो वो इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे।