जहां एक और सडक़ की चौड़ाई लगभग 100 फीट है, वहीं आगे मोड पर जाकर 40 फीट रह गई। जिस कारण ओवरटेक करते समय अचानक सामने आ रहे टेंपो से बोलेरो टकराई और उसके बाद पीछे से आ रही कार भी टकरा गई और भीषण दुर्घटना के बाद दोनों गाडिय़ां पलट गई। परिवहन विभाग की टीम ने भौतिक स्थिति देखी तो पता चला की जो सडक़ है वह प्रॉपर वे में नहीं थी। उसे पर कुछ हाइट थी और मोड होने के कारण जब सडक़ सकरी हो गई तो दुर्घटना की संभावना और भी ज्यादा प्रबल हो जाती है। आज भी जब दुर्घटना स्थल का मुआयना किया जा रहा था। तब वहां से वाहन तेज गति से निकलते दिखाई दिए। जिन्हें मौके पर परिवहन निरीक्षक हेमंत शर्मा ने रोककर उनके साथ समझाइश की।
जिला परिवहन अधिकारी गौरव यादव ने माना कि यदि डिवाइड मोड़ से आगे तक करीब 100 फीट और अधिक होता तो दुर्घटना नहीं हुई होती दुर्घटना स्थल एक ब्लाइंड मोड है और इसमें ब्लैक स्पॉट के रूप में देखा जा सकता है। आंगई गांव से पहले रंबल स्टेप बने हुए हैं मगर ब्लाइंड मोड तक डिवाइडर ना होने के कारण आगे रोड सकरा होने के कारण दुर्घटना संभावित क्षेत्र बना हुआ है। वहां पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र का सांकेतिक बोर्ड होना भी आवश्यक है जो वहां नहीं है।
ज्ञापन के माध्यम से पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा एवं राज्य सरकार की अकर्मन्यता के कारण बड़ी संख्या में हिंदुओं का पलायन और वहां पर हिंदू परिवारों के साथ राजनीतिक द्वेष पूर्ण घटनाओं के विरोध में राष्ट्रपति शासन की मांग की गई एवं हिंदू समाज के लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार चेते केंद्र सरकार जागे ऐसी अपील की गई। जिला मंत्री गिरीश वैद्य ने बंगाल सरकार को चेताया कि हिंदू समाज जाग गया है। उसके धैर्य की परीक्षा नहीं ले, नहीं तो परिणाम गंभीर होंगे। वर्तमान परिपेक्ष में पश्चिम बंगाल के हिंदुओं की स्थिति एवं राज्य सरकार के तुष्टीकरण की निंदा की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मातृशक्ति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा भारत-तिब्बत सहयोग मंच, संस्कार भारती, सेवा भारती, हिन्दू जागरण मंच, बजरंग सेना, विप्र, आजाद सेना, राष्ट्रीय जाट एकता मंच के कार्यकर्ताओं एव पदाधिकारी एवं सर्व समाज के लोग उपस्थित रहे सभी ने एक स्वर में आक्रोशित होकर के ममता सरकार को आगाह किया।