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बांध फूटने से 100 करोड़ रुपए बर्बाद
गुजरी क्षेत्र में साल 2022 में यह बांध (Karam Dam) फूट जाने से डेढ़ दर्जन से अधिक गांव के लोगों की सांसें आफत में आ गईं थीं। तब जल संसाधन विभाग और निर्माण कंपनी की लापरवाही उजागर हुई थी। इतना ही नहीं, बांध फूटने से सौ करोड़ रुपए भी बर्बाद हुए थे और प्रोजेक्ट पांच साल पीछे चला गया है। इसमें बारिश का करोड़ों लीटर पानी व्यर्थ बह गया। इसका खामियाजा क्षेत्र के किसान अभी तक उठा रहे हैं। अब दिल्ली की पुरानी कंपनी एएनएस कंस्ट्रक्शन प्रालि. मशीनों के जरिए मैदानी स्तर पर काम कर रही है। हालांकि इस बारिश से पहले बांध का बनना असंभव है। इसलिए 2026 पर उमीदें टिकी हैं।
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जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय मृदा और सामग्री अनुसंधान स्टेशन (सीएसएमआरएस) के नियमों के अंतर्गत ही सारा काम हो रहा है। पिछली बार की गलती को ध्यान में रखते हुए इस बार अधिक मजबूती से काम करवा रहे हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पुरानी कंपनी द्वारा ही बांध का फिर से काम किया जा रहा है, जिसे पूर्व में शासन ने ब्लैक लिस्ट किया था।
शासन के अनुबंध के मुताबिक पुरानी एजेंसी को ही काम करके देना है। काम फ्री ऑफ कॉस्ट किया जा रहा है। सीएसएमआरएस टीम के निर्देशानुसार ही कार्य हो रहा है। 2026 तक पूरा होने का अनुमान है। – एमएस चौहान, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, धार
52 गांवों में सिंचाई का दावा
गुजरी के समीप भारुड़पुरा गांव के कोठिदा में जल संसाधन विभाग ने बांध की आधारशिला रखी थी। जिसे पूरा होने पर धार और खरगोन जिले के 52 गांवों किसानों को सिंचाई केलिए पानी मिलता। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, डैम से 10 हजार 500 हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य है। दो बड़ी नहरें भी बनाई जाना है। फिलहाल नहरों का निर्माण नहीं हुआ है। विभाग का कहना है कि स्वीकृति मिलने पर नहरों का काम शुरू किया जाएगा। ये भी पढें –
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- 10 अगस्त 2018 में कारम बांध निर्माण की स्वीकृति मिली
- शुरुआती 36 महीने में बनाने का लक्ष्य था। 2021 में तैयार होना था।
- 12 अगस्त 2022 तकनीकी कमियों के चलते बांध की दीवार में रिसाव शुरू हो गया था।
- फूटने की आशंका में प्रशासन ने बांध की पाल को एक साइड से तोड़कर पानी निकालने का रास्ता बनाया।
- 2022, 2023 में काम बंद रहा। 2024 में फिर चालू
- 2026 में पूरा होने का दावा
यह भी खास
- 304 करोड़ प्रशासनिक स्वीकृति
- 99.86 करोड़ बांध पर खर्च
- 44.53 एमसीएम जल ग्रहण क्षमता
- 342.50 वर्ग किमी कैचमेंट एरिया
- 52 मीटर ऊंचाई 584 मीटर लंबाई
- 02 नहरें भी बनाई जानी हैं