कॉलेज कैंपस में प्रभारी प्रिंसिपल का निवास
दरअसल, कॉलेज कैंपस में ही प्रिंसिपल का निवास है और जहां दो दिन तक बेटे की शादी कार्यक्रम चला। ढोल-ताशे बजे। मेहमानों को बुलाया, भोजन कराया। परिसर में ही बड़ा सा टेंट लगाकर रिसेप्शन का आयोजन किया गया। इसमें मेहमान वर-वधु को आशीर्वाद देने पहुंचे। पीछे ही परिसर में भोजन की व्यवस्था की गई थी।
रात 12 बजे तक बजते रहे गीत, लोगों की नींद हुई हाराम
कार्यक्रम को लेकर आसपास के कैलाश नगर, प्रकाश नगर के रहवासी कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि आखिरी मामला क्या है। सडक़ से गुजरते हुए वाहन चालक भी अचरज भरी निहानों से देखते रहे। लोगों ने बताया कि शाम 7 बजे से रात 12 बजे साउंड सिस्टम पर गीत भी बजते रहे। इस कारण कई लोगों की नींद भी हराम हुई, लेकिन इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा। इस मामले में प्रिंसिपल राजोरिया ने जब पूछा गया तो उनका कहना था कि कैंपस के अंदर रहते हैं। परमिशन की जरूरत नहीं थी। इसलिए आवश्यकता नहीं पड़ी। यह भी पढ़े –
गर्मी बढ़ते ही बढ़ी ‘देसी फ्रिज’ की डिमांड, खूब हो रही बिक्री निजी कार्यक्रम के लिए सरकारी संपत्ति का नहीं हो सकता उपयोग
निजी कार्यक्रम के लिए किसी भी प्रकार की शासकीय संपत्ति का उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसके लिए विधिवत अनुमति लेना पड़ती है। लेकिन प्रिंसिपल ने इस पर गौर नहीं फरमाया। अपने पद का फायदा उठाते हुए शासकीय परिसर रिसेप्शन कार्यक्रम करा दिया। सूत्रों की मानें तो कुछ साल पहले ट्रायबल विभाग आयुक्त के स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी शासकीय स्कूल, छात्रावास परिसर या बिल्डिंग में शादी-ब्याह कार्यक्रम नहीं किए जा सकते। सक्षम अधिकारी से अनुमति आवश्यक होती है। बावजूद आइटीआई कैंपस में नियमों को ताक में रखकर शात कार्यक्रम संपन्न हुआ।
विद्यार्थी संगठनों ने भी ली आपत्ति
कॉलेज कैंपस में हुए इस आयोजन पर विद्यार्थी संगठनों ने भी इस पर आपत्ति ली, जिनका कहना है कि शासकीय स्कूल, कॉलेज व अन्य परिसरों में निजी कार्यक्रम के लिए छूट नहीं है, तो फिर आइटीआइ के प्रभारी प्रिंसिपल ने किस हैसियत से बेटे की शादी का रिसेप्शन परिसर में आयोजित किया। जिमेदार अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई