फेसबुक-इंस्टाग्राम जैसा एप बनाकर दी फ्रेंचाइजी
आरोपियों ने ‘लुकचुप एप्लिकेशन’ के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरह एप बनाकर फ्रेंचाइजी बांटी और करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया। उनकी कंपनी ‘मेगा माइंड ट्रेकिंग कंसलटेंसी सॉटेक प्रालि’ के नाम से संचालित थी। एप का प्रमोशन और संचालन करने के नाम पर विभिन्न जिलों में लोगों को फ्रेंचाइजी देकर 8.5 करोड़ रुपए की ठगी की। कई राज्यों में दर्ज थे मामले
आरोपियों के खिलाफ देवास कोतवाली में 98 लाख, बरोठा थाने में 1 करोड़ 50 लाख, पीथमपुर में 25 लाख, धरतपुरी में 15 लाख, शाजापुर में 1 करोड़, औद्योगिक क्षेत्र रतलाम में 5 लाख 90 हजार, तेजार्ज इंदौर में 80 लाख, नीलगंगा थाना उज्जैन में 17 लाख और पुणे (महाराष्ट्र) में 4 करोड़ 39 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।
गिरफ्तारी में इनका रहा योगदान
आरोपियों की गिरफ्तारी में कोतवाली टीआई श्यामचंद्र शर्मा, उनि राकेश नरवरिया, महिला आरक्षक नेहा ठाकुर और साइबर सेल के आरक्षक योगेश कदम और युवराज का विशेष योगदान रहा। फिलहाल पुलिस अन्य थानों से भी संपर्क कर और जानकारी जुटा रही है।