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7 साल बाद पकड़ में आए ‘बंटी-बबली’, लुकचुप एप के नाम पर ठगे थे करोड़ों, कई राज्यों में थे वांटेड

Lookchup app: मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले दंपती को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पिछले 7 वर्षों से फरार चल रहे थे।

देवासMar 30, 2025 / 02:23 pm

Akash Dewani

dewas police has arrested the couple who cheated crores of rupees through Lookchup app in vadodara
Lookchup app: मध्य प्रदेश (MP) की पुलिस ने लुकचुप एप के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले दंपती को वडोदरा से गिरफ्तार किया। दोनों 7 साल से फरार थे और पहचान बदलकर रह रहे थे। सीएसपी दीशेष अग्रवाल ने बताया कि स्थायी वारंटी सचिन पिता शंकर सिंह सिसोदिया निवासी बाहेती कॉलोनी बड़वाह और उसकी पत्नी रीमा सिसोदिया धोखाधड़ी के मामले में पिछले 7 साल से फरार थे। दोनों अलग-अलग जिलों के थानों के प्रकरणों में वांटेड थे। कोतवाली थाना और जिला स्तरीय साइबर टीम ने संयुक्त प्रयास कर आरोपियों को गुजरात के वडोदरा से गिरफ्तार किया।

फेसबुक-इंस्टाग्राम जैसा एप बनाकर दी फ्रेंचाइजी

आरोपियों ने ‘लुकचुप एप्लिकेशन’ के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरह एप बनाकर फ्रेंचाइजी बांटी और करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया। उनकी कंपनी ‘मेगा माइंड ट्रेकिंग कंसलटेंसी सॉटेक प्रालि’ के नाम से संचालित थी। एप का प्रमोशन और संचालन करने के नाम पर विभिन्न जिलों में लोगों को फ्रेंचाइजी देकर 8.5 करोड़ रुपए की ठगी की।
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कई राज्यों में दर्ज थे मामले

आरोपियों के खिलाफ देवास कोतवाली में 98 लाख, बरोठा थाने में 1 करोड़ 50 लाख, पीथमपुर में 25 लाख, धरतपुरी में 15 लाख, शाजापुर में 1 करोड़, औद्योगिक क्षेत्र रतलाम में 5 लाख 90 हजार, तेजार्ज इंदौर में 80 लाख, नीलगंगा थाना उज्जैन में 17 लाख और पुणे (महाराष्ट्र) में 4 करोड़ 39 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।

गिरफ्तारी में इनका रहा योगदान

आरोपियों की गिरफ्तारी में कोतवाली टीआई श्यामचंद्र शर्मा, उनि राकेश नरवरिया, महिला आरक्षक नेहा ठाकुर और साइबर सेल के आरक्षक योगेश कदम और युवराज का विशेष योगदान रहा। फिलहाल पुलिस अन्य थानों से भी संपर्क कर और जानकारी जुटा रही है।

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