यह आंकड़ा साफ़ तौर पर दिखाता है कि इस सीज़न बड़े लक्ष्य का पीछा करना टीमों के लिए कितना कठिन साबित हो रहा है। इसकी मुख्य वजह है बड़े स्कोर का मानसिक दबाव, जिसे बल्लेबाज़ संभाल नहीं पा रहे हैं। लक्ष्य का पीछा करते समय अक्सर जल्दबाज़ी में खराब शॉट चयन देखने को मिला है, जिससे विकेट जल्दी गिर रहे हैं और रनगति पर भी असर पड़ रहा है। इसके अलावा, कई मैदानों पर पिच की धीमी प्रकृति और स्पिन गेंदबाज़ों को मिल रही मदद भी इस प्रवृत्ति को मज़बूती दे रही है।
दिल्ली और लखनऊ ने की लक्ष्य का पीछा सफल
अब तक के सीज़न में केवल दिल्ली कैपिटल्स ही ऐसी टीम रही है जिसने 200+ रन का लक्ष्य सफलतापूर्वक चेज़ किया है। यह मुकाबला 24 मार्च को विशाखापत्तनम में खेला गया था, जहां लखनऊ सुपरजायंट्स ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 8 विकेट पर 209 रन बनाए थे। जवाब में, दिल्ली ने 19.3 ओवर में 9 विकेट पर 211 रन बनाकर रोमांचक जीत दर्ज की।
इसी तरह, लखनऊ सुपरजायंट्स ने भी एक मुकाबले में 190 से अधिक रन का पीछा सफलतापूर्वक किया। 27 मार्च को सनराइजर्स हैदराबाद ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 9 विकेट पर 190 रन बनाए थे। जवाब में, लखनऊ ने 16.1 ओवर में 5 विकेट पर 193 रन बनाकर शानदार जीत हासिल की।
फिर भी टीमें क्यों चुन रही हैं पहले गेंदबाज़ी?
आईपीएल 2025 के इस सीज़न में पहले बल्लेबाज़ी करना फायदे का सौदा साबित हो रहा है, इसके बावजूद कई टीमें टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी चुन रही हैं, जो उन्हें महंगा पड़ रहा है। बुधवार को राजस्थान रॉयल्स ने भी टॉस जीतकर गुजरात टाइटंस को बल्लेबाज़ी दी। गुजरात ने इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए 217 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया, जबकि राजस्थान की टीम 159 रन पर सिमट गई।