इस संबंध में पूर्व भारतीय कप्तान ने बेझिझक अपनी बात एक कॉलम में कही। उन्होंने कहा कि हाल ही में यह खबर आई है कि ईसीबी पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने जा रहा है, जोकि इंग्लैंड और भारत के बीच इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज के विजेताओं को दी जाती है। यह खबर वाकई में बेहद परेशान करने वाली है। यह पहली बार है जब किसी व्यक्ति के नाम पर रखी गई ट्रॉफी को रिटायर किया जा रहा है। हालांकि यह निर्णय पूरी तरह से इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) का है। संभव है बीसीसीआई को भी इसकी जानकारी हो। यह दोनों में क्रिकेटरों के लिए पटौदी की ओर से दिए गए योगदान के प्रति पूरी तरह से असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
उन्होंने आगे कहा कि संभव है कि कि मौजूदा समय के खिलाड़ियों के नाम पर एक नई ट्रॉफी का नाम रखा जाए। फिर भी उम्मीद है कि यदि किसी भारतीय खिलाड़ी से इसके लिए संपर्क किया गया है तो वह विनम्रतापूर्वक मना करने की समझदारी दिखाएगा। ना केवल दो पूर्व भारतीय कप्तानों के सम्मान के लिए बल्कि इसलिए भी कि उसके जाने के बाद उसके नाम पर रखी गई ट्रॉफी का भी कहीं वही हश्र ना हो।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने यह भी कहा कि ECB के पास ट्रॉफी का नाम अपने किसी खिलाड़ी के नाम पर रखने का पूरा अधिकार है। हालांकि मुझे और भारतीय क्रिकेट फैंस को उम्मीद हैं कि कोई अन्य भारतीय क्रिकेटर इसके लिए मना कर देगा, नहीं तो इतिहास खुद को दोहराएगा, जैसा कि पटौदी ट्रॉफी के साथ।
वहीं, पटौदी ट्रॉफी को ‘रिटायर’ करने के कदम पर दिवंगत टाइगर पटौती की पत्नी और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर भी बेहद आहत हैं। उन्होंने इस संबंध मीडिया से बातचीत में बताया कि ईसीबी ने सैफ अली खान को एक पत्र भेजा है कि वे ट्रॉफी को रिटायर कर रहे हैं। फिलहाल BCCI टाइगर पटौदी की विरासत को याद रखना चाहता है या नहीं, यह उन्हें तय करना है। वहीं, ईसीबी की ओर से इस मामले पर ना तो इनकार किया गया है और ना ही स्वीकार किया गया है। इस पर ECB प्रवक्ता ने कहा है कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिस पर हम आपको कोई टिप्पणी दे सकें।