देखा जाए तो पिछले तीन साल पहले रुस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के समय से गेहूं की मांग में वृद्धि हुई। जिससे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं के भाव उछल गए। सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद मार्केट में गेहूं के भाव तीन साल में 35 रुपए किलों तक पहुंच गए। उच्चतम मूल्य होने के बाद भी केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल तय किया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने 175 रुपए का बोनस तय किया। इसके बाद भी किसानों की रुचि पंजीयन कराने में नहीं बढ़ी। केवल 17803 पंजीयन हो पाए। इनमें से अब तक 22 किसानों ने ही 711.60 क्विंटल गेहूं बेचा है। बाजार में गेहूं के भाव बढ़े होने से किसान कृषि उपज मण्डी या फिर सीधे व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं। सरकारी खरीदी केन्द्र सूने पड़े हैं, जहां सरकार के प्रतिनिधि हर सुविधा के साथ गेहूं खरीदने तैयार है।
चिल्हर में नहीं उतरे गेहूं के रेट, अभी भी 30 रुपए के ऊपर
गेहूं की नई फसल आने के बाद भी अभी तक चिल्हर की किराना दुकानों में गेहूं के भाव वहीं है, जो पिछले जनवरी-फरवरी में थे। गेहूं भी 30 रुपए क्विंटल से अधिक भाव में मिल रहा है। आटा 35 रुपए के ऊपर है। पूरे जिले में गेहूं की कटाई पूरी हो गई है। गेहूं कृषि उपज मण्डी और बाजार में आना शुरू हो गया है। फिर भी रेट नीचे नहीं आना आश्चर्यजनक है। बाजार में गेहूं की व्यापारिक मांग बनी हुई है।पिछले साल 38 हजार किसानों ने कराया था पंजीयन
प्रशासनिक जानकारी के अनुसार पिछले साल 2024 में 38 हजार 969 किसानों का पंजीयन हुआ था। उसमें से 1271 किसानों ने सरकार के प्रतिनिधियों को 1.18 लाख क्विंटल गेहूं बेचा था। इसकी तुलना में इस साल 2025 में अब तक 17 हजार 803 किसानों का पंजीयन कराया गया है। खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी मान रहे हैं कि समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का आंकड़ा बहुत कम है।छह साल मेंं हुई गेहूं की खरीदी
वर्ष किसान खरीदी मात्रा समर्थन मूल्य2020-21 29292 2330871.98 1925
2021-22 43982 3136629.30 1975
2022-23 2331 172816.27 2040
2023-24 5708 497225.00 2125
2024-25 1271 118364.60 2275
2025-26 22 711.60 2600
नोट-खरीदी मात्रा क्विंटल और समर्थन मूल्य रुपए में दिए गए हैं।
इनका कहना है
जिले में अब तक गेहूं खरीदी पिछले सप्ताह तक 711 क्विंटल दर्ज हुई। यह खरीदी 5 मई तक जारी रहेगी।-गंगा कुमरे, जिला आपूर्ति अधिकारी।