एक दिन पहले बुधवार को अचानक एक घंटे तेज बारिश से कृषि उपज मण्डी मेंं हजारों क्विंटल गेहूं समेत अन्य अनाज भीग गया था। इस दौरान मण्डी में 27 हजार क्विंटल अनाज की आवक हुई थी। इसके खराब होने की आशंका जताई जा रही थी। इससे किसानों और व्यापारियों के बीच विवादित स्थिति बनी। इस पर कृषि उपज मण्डी के पदाधिकारियों ने मध्यस्थता कर मामला संभाल लिया। इसकी नीलामी दूसरे दिन गुरुवार को रखी गई थी। व्यापारियों ने निर्धारित समय पर आकर किसानों के सभी अनाजों की खरीदी कर ली।
अपर कलेक्टर केसी बोपचे ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि उन्होंने मण्डी स्थल का निरीक्षण किया। एक दिन पहले गीला हुआ अनाज तेज धूप में सूख गया था। इसकी खरीदी व्यापारियों ने नीलामी के माध्यम से की। इससे किसान संतुष्ट पाए गए। उन्होंने किसानों से भी बातचीत की।
मंडी में आवक के हिसाब से बनें शेड- शुक्ला
कृषि उपज मण्डी के व्यापारियों ने मण्डी में आवक के हिसाब से मण्डी शेड न होने की समस्या बताई और इसे दूर करने के लिए निर्माण की बात कही। अनाज व्यापारी संघ के अध्यक्ष प्रतीक शुक्ला ने कहा कि एडीएम को मण्डी में शेड का निर्माण करने का ज्ञापन सौंप दिया गया है। मण्डी में केवल 14 हजार क्विंटल अनाज के सात शेड हैं। जबकि इस समय आवक 60 हजार क्विंटल की हो रही है। इससे किसानों और व्यापारियों को समस्या आ रही है। यदि और मण्डी शेड बन जाएं तो किसानों और व्यापारियों को सुविधा हो जाएगी। इस मांग पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया है।
किसानों को हुआ 100 रुपए प्रति क्विंटल नुकसान
मंडी में गुरुवार को करीब 6500 क्विंटल गेहूं की नीलामी हुई। नीलामी में किसानों को 2400 से 2600 रुपए प्रति क्विंटल तक भाव मिले। किसानों को नमी के कारण अधिकतम दाम 100 रुपए प्रति क्विंटल कम मिले। बुधवार को गेहूं के अधिकतम दाम 2700 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक थे। दरअसल, गेहूं की रेलवे रैक गुरुवार को लोड होने के कारण अचानक आई अतिरिक्त मांग से व्यापारियों में खरीदी की होड़ लग गई थी। इसलिए गुरुवार को मंडी मेेंं अवकाश होने के बावजूद न्यूनतम दर अधिक नीचे नहीं गई।