पहली बार जबलपुर पहुंचाया जलाऊ कचरा
निगम इंजीनियरों के मुताबिक जामुनझिरी के कचरे के पहाड़ पर पहले मिट्टी की परत लगाई गई थी। नया प्रोजेक्ट इससे कुछ अलग रेमिडियल्स पद्धति पर आधारित है। इस प्रोजेक्ट में जामुनझिरी पहुंचने वाले गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग किया जा रहा है। इसमें सामान्य वस्तुएं तो कबाड़ में बेची जा रही है। कागज, पॉलीथिन समेत अन्य जलाने योग्य कचरा को जबलपुर के कचरा बिजली प्लांट में पहली बार 14 टन भेजा गया है। जबलपुर में वेस्ट टू एनर्जी योजना में कचरा से बिजली बनाई जा रही है। शेष रह गए कचरा के लिए बड़े गड्ढे में डाला जा रहा है। इससे कचरे से संबंधित गैस निकलेगी और वेस्ट भी यहीं दफन हो जाएगा।कचरा निपटान से डम्प साइट के अंक सुधारना मकसद
जामुनझिरी में कचरा का पहाड़ समाप्त करने का प्रोजेक्ट चालू होने से स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में भी कचरा निपटान डम्प साइट के अंक सुधरने की उम्मीद है। यहां बताना जरूरी है कि वर्ष 2023 की देश भर में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में छिंदवाड़ा 41 अंक पिछडकऱ 55वें स्थान पर पहुंच गया था। जबकि पिछले साल 2022 में यह रैंकिंग 14वीं थी। स्वच्छता सर्वेक्षण में डम्प साइट महत्वपूर्ण हिस्सा है।इनका कहना
जामुनझिरी के कचरा पहाड़ को समाप्त करने का प्रोजेक्ट चालू कर दिया गया है। संबंधित कंपनियों ने पहली बार जबलपुर कचरा प्लांट में पहली बार 14 टन कचरा भेजा है। आगे भी जलाऊ योग्य कचरा भेजा जाएगा।-अभिनव तिवारी, इंजीनियर स्वच्छता सर्वेक्षण नगर निगम।