कटिंग पॉलिशिंग के लिए ले जा रहे राजस्थान
छतरपुर जिले में 47 ग्रेनाइट खदान चिंहित हैं, जिसमें से अधिकांश फिलहाल बंद है। जिले की खदानों से निकलने वाले ग्रेनाइट के ब्लॉक को अभी राजस्थान के किशनगढ़ भेजा जाता है, जहां से कटिंग व पॉलिशिंग के बाद मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के मार्केट में बेचा जाता है। वहीं, राजस्थान के किशनगढ़ से कंदला पोर्ट के जरिए विदेश तक ग्रेनाइट की सप्लाई हो रही है। छतरपुर से निकले ग्रेनाइट को ट्रकों के जरिए राजस्थान ले जाया जाता है, जहां कटिंग-पॉलिशिंग के बाद अन्य राज्यों में सप्लाई किया जाता है। यहां तक की छतरपुर जिले में भी किशनगढ़ से ही तैयार ग्रेनाइट आ रही है। इससे ट्रांसपोर्ट की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में खजुराहो में स्थापित होने वाले स्टोन पार्क के जरिए तैयार माल सीधे उपभोक्ताओं तक जाने से ट्रांसपोर्ट की लागत कम आएगी।
चीन को मिल रहा लाभ
ग्रेनाइट के विश्व बाजार में चीन एक बड़ा सप्लायर है। चीन भारत के ग्रेनाइट ब्लॉक या फिनिशिंग ब्लॉक को खरीदकर दुनिया के देशों में सप्लाई कर रहा है। स्टोन पार्क बनने से न केवल देशी मार्केट को सर्पोट मिलेगा बल्कि चीन के जरिए होने वाले निर्यात को कम कर करके देश से ही सीधे अमेरिका, बिट्रेन, सउदी अरब तक सप्लाई किया जाएगा। विशाखापट्नम पोर्ट से हार्वर पोर्ट तक कम दूरी होने से निर्यात की लागत भी कम आएगी।
शासन के पास अटकी है फाइल
जिला खनिज विभाग द्वारा बनाया गए प्रोजेक्ट में दुनिया भर में ग्रेनाइट की मांग और छतरपुर जिले के ग्रेनाइट की बाजार में संभावना का विश्लेषण करके रिपोर्ट तैयार की गई थी। रिपोर्ट में जिले के ग्रेनाइट की वर्तमान सप्लाई, उत्पादन संबंधी ब्यौरा भी दिया गया। इसके साथ ही फिनिश ग्रेनाइट तैयार करने की लागत मे ंकमी, स्थानीय रोजगार बढऩे की संभावनाओं की डिटेल दी गई थी।
राजनेताओं ने भी नहीं ली रूचि
खजुराहो में स्टोन पार्क बनाकर ग्रेनाइट कारोबार को बढ़ावा देने की योजना राजनीतिक इक्छाशक्ति नहीं होने से ठंडे बस्ते में चली गई। खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में राजनेताओं ने खजुराहो व पन्ना में स्टोन पार्क बनाने की पहल की। जिसके बाद खनिज विभाग ने प्रोजेक्ट रिर्पोट बनाकर शासन को भेजी। इसी बीच खजुराहो को ऑइकॉनिक सिटी बनाने की योजना आ गई। जिसके बाद नेताओं ने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में रुचि नहीं ली।
इनका कहना है
स्टोन पार्क का प्रपोजल शासन को भेजा गया था। शासन स्तर पर समीक्षा की जा रही है। इंवेस्टर समिट में भी ग्रेनाइट को लेकर प्रस्ताव आए हैं। उम्मीद है ग्रेनाइट कारोबार को गति मिलेगी।
अमित मिश्रा, डिप्टी डायरेक्टर खनिज