ये है पूरा मामला
मामले की शुरुआत हुई थी दिशा लर्निंग सेंटर से, जहां पीडि़ता पढ़ाई के लिए जाती थी। वहीं उसकी मुलाकात पुलिस लाइन छतरपुर में पदस्थ सूबेदार शारदा प्रसाद यादव से हुई। दोनों के बीच संबंध बने और युवती का आरोप है कि सूबेदार ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। काफी समय बाद पीडि़ता को पता चला कि आरोपी पहले से विवाहित है। जब युवती ने इसका विरोध किया तो मामला गंभीर हो गया और पीडि़ता ने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पहले हुआ 15 लाख में समझौता, लेकिन पीड़ता चाहती थी इंसाफ
सूत्रों के अनुसार, यह मामला पहले भी पुलिस थाने तक पहुंचा था। उस वक्त युवती के परिजनों ने सूबेदार से 15 लाख रुपए लेकर समझौता कर लिया था। यह समझौता महिला थाना प्रभारी की मौजूदगी में हुआ था और लेन-देन की वीडियोग्राफी भी करवाई गई थी, जिससे मामले को बंद मान लिया गया। हालांकि, युवती के परिजन द्वारा समझौता राशि अपने पास रख लेने के बाद, पीडि़ता ने फिर से पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा, जिसमें उसने बताया कि उसे न्याय चाहिए।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई शिकायत
पीडि़ता के अधिवक्ता दिनेश कुमार चौहान ने इस मामले को सोशल मीडिया पर उजागर किया, जिससे यह मामला प्रदेश के बड़े अधिकारियों की नजर में आया। शिकायत की प्रतिलिपियां प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डीजीपी और महिला आयोग तक भेजी गईं।
पीडि़ता की आवाज को दबाने की तमाम कोशिशों के बावजूद उसके संघर्ष और कानूनी दबाव के कारण आखिरकार छतरपुर पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
आरोपी वर्तमान में भोपाल में पदस्थ
पीडि़ता की शिकायत पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के बाद महिला थाना प्रभारी सुनीता बिंदुआ ने पीडि़ता के बयान दर्ज किए और मामले में आरोपी सूबेदार शारदा प्रसाद यादव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 69 और 351 के तहत एफआईआर दर्ज की। धारा 69 में शादी का झांसा देकर यौन शोषण, जबकि धारा 351 में धोखाधड़ी और विश्वासघात से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। आरोपी वर्तमान में भोपाल में पदस्थ है, जिसके खिलाफ अब कानूनी कार्यवाही शुरू हो गई है।