श्रमदान करने को लेकर लोगों में उत्साह बढ़ता गया। बावड़ी के चारों ओर फेले कचरे को झाड़ू लगाकर एकत्रित किया। कुछ लोग बावड़ी की सीढ़िया पर उतरे और जमा कचरे को तगारी में भरकर बाहर निकालने लगे। कचरे से भरी तगारी एक हाथ से दूसरे हाथ होती हुई आगे बढ़ती गई। देखते ही देखते बावड़ी की सीढ़ियां चमकने लगी। कुछ लोगों ने बावड़ी के अंदर पानी में तैर कर कचरे को हटाया, लेकिन पानी साफ नहीं होने के बाद युवाओं ने कपड़े की नेट पानी में डालकर पूरे कचरे को बाहर निकाला। लोगों को श्रमदान करता देख राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक भी श्रमदान करने पहुंचे।
इस अवसर पर चितावा माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य हुसैन मोहम्मद खान, रंगपुरिया नयागांव के मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक रोहितास मीणा, शारीरिक शिक्षक राम लक्ष्मण मीणा, शारीरिक शिक्षक रघुवीर मीणा, अध्यापक धीरज कुमार, स्काउट मनोज मीणा, ललित मीणा, आर्यन मीणा, नवनीत, कपिल, धनराज, सुमन, आत्माराम, हरिओम, विजेंद्र, महावीर, ओमप्रकाश राधेश्याम नागर सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
शपथ दिलाई
प्रधानाचार्य हुसैन मोहम्मद ने जल संरक्षण के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी और सभी को शपथ दिलाई की प्राचीन बावड़ियों की हम रक्षा करेंगे।