विशिष्ट लोक अभियोजक मुकेश जोशी ने बताया कि 7 नवंबर 2023 को पुलिस को किशोर न्याय बोर्ड बूंदी के जरिए डाक से पत्र प्राप्त हुआ। इसमें एक महिला ने आरोप लगाया कि देईखेड़ा निवासी लालीबाई उसके साढ़े पंद्रह वर्षीय पुत्र को अपने साथ बहला फुसलाकर जयपुर ले गई। वहां उसके बेटे को शराब पिलाकर कई दिनों तक उसने शारीरिक सम्बन्ध बनाए और उसका यौनशोषण किया।
इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर न्यायालय में लाली बाई के विरुद्ध चालान पेश किया। इस प्रकरण में सुनवाई के बाद न्यायालय ने लालीबाई को बाल यौनशोषण का दोषी माना। न्यायालय ने उसे बीस साल के कठोर कारावास और 45 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 17 गवाहों के बयान और 37 दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिनके आधार पर कोर्ट ने लालीबाई को बाल यौन शोषण का दोषी पाया। न्यायाधीश ने दोषी को 20 साल की कठोर सजा के साथ-साथ 45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।