scriptआंख न होना को नहीं बनने दिया बाधा, किस्मत से छीन ली कामयाबी | Did not allow lack of eyes to become a hindrance, snatched success fro | Patrika News
बिलासपुर

आंख न होना को नहीं बनने दिया बाधा, किस्मत से छीन ली कामयाबी

बिलासपुर रेलवे हॉस्पिटल में बतौर हेल्थ अटेंडर काम कर रहे गोलखा

बिलासपुरJun 19, 2023 / 11:57 pm

Alok Mishra

photo_6088882119888713328_y.jpg
बिलासपुर – बचपन से आँखो का न होना उनके लिए कभी बाध्यता नहीं बनी। ज़िन्दगी जीने की उनकी चाह दर्शाती है कि ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए बस एक मकसद की जरुरत होती है। उनका कहना है की मुझे हमेशा से ही सेल्फ डिपेंडेंट रहना था। अगर आप अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहे तो आपको कामयाबी मिलना तय है। गोलखा बताते है कि उन्हें बचपन से ही पढ़ने लिखने का शौक़ था। बारव्ही की पढाई के बाद उन्होंने जनरल मशीन ऑपरेटिंग में आईटीआई किया। आईटीआई का रिजल्ट हाथ आने से पहले ही उनकी नौकरी राजस्थान की एक कंपनी में लग गयी जहा उन्होंने अगले पांच सालो तक काम किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली की एक कंपनी में भी 8 सालो तक काम किया। इस बीच उनके दोस्तों ने उन्हें सुझाव दिया की आपको सरकारी नौकरी की तयारी करनी चाहिए।
अपने जॉब के साथ साथ पढाई करते हुए गोलखा ने अपनी गोवेर्मेंट जॉब की प्रेपरेशन जारी रखी। उनके कड़े परिश्रम का ही नतीजा था कि उन्होंने अपने पहले ही अटेम्प में आरआरबी की नौकरी क्रैक कर ली। रेलवे के द्वारा उन्हें रेलवे हॉस्पिटल में बतौर हेल्थ अटेंडर का जॉब दिया गया है। जिसे व बखूबी निभा रहे है। आज गोलखा रेलवे हॉस्पिटल में फाइल इधर से उधर लेजाकर साईन करवाना जैसे कई काम बिना किसी सहायता के कर लेते है। उन्होंने बताया की उन्होंने थोड़ी बोहोत ट्रेनिंग ली है और बाकी छड़ी की सहायता से वह कही भी आने जाने में समर्थ है। यहाँ तक गोलखा को कदम गिनकर रास्ते भी याद है।
मूवी देखना का का शौक़ रखते है

आपको लगेगा की यह क्या बात है कोई दृष्टि बाधित कैसे मूवी देख सकता है। लेकिन आपको जान कर आश्चर्य होगा कि गोलखा को मूवी देखना देहद पसंद है। इतना पसंद है की उन्हें आंखें फिल्म याद है जिसमे अमिताभ अक्षय और सुनील शेट्टी ने बतौर एक्टर काम किया है। इस तरह से और कई मूवीज है जो इन्हे मु जबानी याद है ।
टैक प्रेमी है गोलखा

मोबाइल फर्राटे से चलाते है और यूट्यूब और स्पॉटीफाई जैसे एपस पर गाना भी सुनते है। उन्होंने बताया की उन्हें बचपन से टैकनोलॉजी से बेहद प्यार था। अपनी पढाई के समय से ही उन्होंने सोच रखा था की वह इससे जुड़े किसी फील्ड में अपना करियर बनाएगे। अपने जॉब के दौरान इन्हे टॉकिंग फ़ोन के बारे में पता चला। तब से यह डोरी बताना, मौसम, क्रिकेट में स्कोर बताना जैसे कोई भी काम अपने मोबाइल से कर सकते है।

Hindi News / Bilaspur / आंख न होना को नहीं बनने दिया बाधा, किस्मत से छीन ली कामयाबी

ट्रेंडिंग वीडियो