इस दौरान बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद् के पदाधिकारियों का कहना था कि हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ करने इस फिल्म का निर्माण हुआ है। इस फिल्म में ऐसे कई संवाद है जिससे हिन्दू समाज की भावनाएं आहत करने वाली हंै। कहानी में जब माता सीता का अपहरण रावण के द्वारा किया जाता है तब यह दिखाया गया कि प्रभु श्रीराम वहीं पर उपस्थित रहते हैं जबकि ऐसा नहीं है। फिल्म में जो चरित्र है उनकी वेशभूषा के साथ भी छेड़छाड़ की गई है। यह फिल्म हमारी धार्मिक भावना को गहरी ठेस पहुंचाती है जिससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक सोनी, प्रांत उपाध्यक्ष ललित मखीजा,बजरंग दल के जिला संयोजक दीपक सिंह और सहसंयोजक अंकुश सिंह मौजूद रहे।
आंदोलन की चेतावनी
संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि उनके द्वारा छत्तीसगढ़ और बिलासपुर सिनेमा घरों के मालिकों से निवेदन किया गया है कि इस फिल्म को तत्काल दिखाना बंद करं, अन्यथा बजरंग दल इसे चुनौती के रूप में लेगा और बड़ा आन्दोलन करेगा।
सेंसर बोर्ड पर होनी चाहिए करवाई
पात्र वार्ता में मौजूद पदाधिकारियों का कहना था कि सेंसर बोर्ड के खिलाफ भी कार्यवाई होनी चाहिए क्योंकि यह सारी फिल्में सेंसर बोर्ड से पास होकर ही सिनेमा घरों में आती है।