बृजमोहन आचार्य बीकानेर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खिलाड़ियों की खेल सामग्री खरीद के लिए अब सरकार स्पोर्ट्स ग्रांट नहीं देगी। इसकी जगह स्पोर्ट्स किट देने का फैसला किया है। इसके लिए 22 करोड़ 29 लाख रुपए की स्वीकृति भी जारी कर दी है। किट स्कूलों तक पहुंचाने के लिए निजी एजेंसी को कार्यदिश जारी कर दिए गए है।
यह स्पोर्ट्स किट 25 मार्च तक स्कूलों में आपूर्ति की जाएगी। राज्य सरकार पहले हर साल प्रत्येक स्कूल को स्पोर्ट्स ग्रांट जारी करती थी। स्पोर्ट्स का सामान या किट खरीद का कार्य स्कूल प्रबंधन करता था। इस बार वित्तीय वर्ष की समाप्ति नजदीक आने के बाद भी यह ग्रांट जारी नहीं की गई।
अब पैसा जारी भी किया जाता तो स्कूल के स्तर पर खरीद और उसका पोर्टल पर जमा-खर्च का हिसाब 31 मार्च तक देना संभव नहीं लग रहा था। अब सरकार ने खेलो भारत खेलो के तहत फिजिकल एजुकेशन योजना के तहत एक प्राइवेट एजेंसी को स्पोर्ट्स किट की आपूर्ति का कार्य सौंपा है।
एक साल की होगी सामान की वारंटी
एजेंसी को स्पोर्ट्स किट की सप्लाई खुद करनी होगी। किसी वितरक, एजेंट तथा अन्य संस्था के माध्यम से नहीं कर सकते। किट की 12 महीने की वारंटी होगी। किट पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद का नाम एवं लोगो छपा होगा। एजेंसी को भुगतान समग्र शिक्षा के स्पोर्ट्स ग्रांट मद में किया जाएगा। एजेंसी समय पर किट की आपूर्ति नहीं करेगी तो निविदा शर्तों के अनुसार भुगतान में कटौती की जाएगी।