शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षा निदेशालय की कार्यशैली में सख्त बदलाव के संकेत देते हुए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निदेशालय में कोई भी कार्मिक 5 साल से अधिक समय तक नहीं टिकेगा। उन्होंने साथ ही वर्षों से जमे कार्मिकों को हटाने के निर्देश भी दिए। मंत्री ने कहा कि कोई भी फाइल 15 दिन से अधिक रुकी, तो जिम्मेदार पर कार्रवाई तय है। साथ ही, 45 दिन में सभी लंबित फाइलों का निस्तारण करने और 3 दिन में उनकी सूची जयपुर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
बीकानेर में बैठक के दौरान डीईओ (डीपीसी) राकेश कुमार ढल्ला को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, डीईओ (भर्ती) किशनदान चारण की प्रतिनियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए उन्हें मूल पदस्थापन पर लौटने के आदेश दिए गए हैं।
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यंग डीईओ की सीधी भर्ती की कवायद के निर्देश
बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि डीईओ की डायरेक्ट भर्ती की कवायद शुरू की जाए। जब एक कम उम्र का व्यक्ति आईएएस बन सकता है, तो डीईओ क्यों नहीं। अभी ज्यादातर डीईओ रिटायरमेंट के पास होने के कारण बड़ा निर्णय लेने से बचते हैं। लिहाजा यंग डीईओ की भर्ती की कवायद विभाग स्तर पर शुरू हो।
भ्रष्ट शिक्षकों का नाम होगा सार्वजनिक
शिक्षा मंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार या अश्लील गतिविधियों में लिप्त शिक्षकों के नाम स्कूल बोर्ड पर चस्पा किए जाएंगे। साथ ही, कक्षा कक्ष में मोबाइल लाने पर रोक लगाई गई है। शिक्षक केवल प्रिंसिपल रूम में मोबाइल रखकर कक्षा में प्रवेश करेंगे।