ऑफिस में नहीं, स्कूल में दिखें टीचर
शिक्षा मंत्री का मानना है कि टीचर्स का काम ऑफिसों में नहीं, बल्कि स्कूल में है। यही कारण है कि उन्होंने ऑफिसों में पदस्थ टीचर्स को हटाकर उन्हें स्कूलों में भेजने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग के विभिन्न ऑफिस हैं जहां शिक्षक काम कर रहे हैं। ऐसे टीचर्स को अब स्कूल भेजा जाएगा। इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि शिक्षकों का स्थान ऑफिसों में नहीं बल्कि स्कूल में होना चाहिए।
शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने शिक्षा विभाग के मुख्यालयों लोक शिक्षण संचालनालय, राज्य शिक्षा केंद्र, बोर्ड ऑफिस, जिला शिक्षा कार्यालयों, बीआरसी और जनशिक्षक कार्यालयों में पदस्थ शिक्षकों को जिक्र किया। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि ऐसे टीचर्स को तुरंत ऑफिसों से कार्यमुक्त कर स्कूलों में भेज दिया जाए।
शिक्षा मंत्री ने ट्रांसफर हो जाने के बाद नई जगह पर ज्वाइन नहीं करने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने ऐसे टीचर्स के खिलाफ सख्त तेवर दिखाते हुए जांच के भी निर्देश दिए।
पोर्टल पर उपस्थिति के बिना नहीं मिलेगा वेतन
प्रदेश में सभी टीचर्स को अपने दैनिक कार्य समय और उपस्थिति दर्ज करने के लिए शिक्षा पोर्टल 3.0 का उपयोग अनिवार्य किया गया है। अब इसके बिना वेतन ही नहीं मिलेगा। शिक्षा विभाग ने यह भी कहा कि निर्धारित समय सीमा में पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करानेवाले टीचर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।