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मोहन कैबिनेट खोलेगी पिटारा: गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को मिलेगी ये बड़ी खुशखबरी! रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय 1,52,615 रुपए व स्थिर भाव पर 70,434 रुपए रही। यह 2023-24 में क्रमश: 139713 व 67301 थी। प्रचलित भाव पर प्रति व्यक्ति आय में 12902 व स्थिर भाव पर आय में 3133 रुपए की वृद्धि हुई। इसे शुभ संकेत माना जा रहा है। 2020-21 में प्रचलित भावों पर पर प्रति व्यक्ति आय 1,01,958 रुपए थी।
अब ज्यादा कर्ज ले सकेगा मप्र
मप्र अब ज्यादा कर्ज ले सकेगा, क्योंकि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 11.05% की वृद्धि हो चुकी है। वर्ष 2024-25 में प्रचलित भावों पर यह 15,03,395 करोड़ रुपए पहुंच गया, जो वर्ष 2023-24 में 13,53,809 करोड़ रुपए था। वहीं 2024-25 में स्थिर भावों पर एसजीडीपी 7,12,260 करोड़ है, जो 2023-24 में 671636 करोड़ था। 6.05% की वृद्धि हुई। शासन का दावा है, इसे अगले विधानसभा चुनाव के पहले 30 करोड़ करेंगे। ये भी पढें –
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सिक्किम
के बाद मप्र देश में सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया है। वित्तीय वर्ष 2012 से 2024 के बीच मप्र की कंपाउंड वार्षिक वृद्धि दर 13.2% रही। 2012 में यह ₹3,15,562 करोड़ था। 2024 में 13,63,327 करोड़ रहा। 2012 से 2024 तक देश की वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर 9.82% रही। यह बताती है, मप्र में अन्य राज्यों की औसत जीडीपी वृद्धि से अधिक, राष्ट्रीय औसत में ज्यादा है।
महिलाओं को नौकरियों में तवज्जो नहीं
सरकार महिलाओं को नौकरी में तवज्जो देने के दावे कर रही है। हाल में कहा, सरकारी नौकरी में 35% आरक्षण को प्रभावी बना रहे हैं। हालांकि सर्वेक्षण रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं, 2021 की तुलना 2024 में निजी क्षेत्र में 15,270 महिलाओं को कम नौकरी दी गई।