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AIIMS में जटिल सर्जरी, 3 साल की बच्ची के सिर और गर्दन से अविकसित ‘जुड़वां बच्चा’ हटाया एम्स भोपाल(Bhopal AIIMS) के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने बताया कि यह अध्ययन जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित होने वाला है। वे विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर एम्स में परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर एम्स होम्योपैथी विभाग ने अपने अन्य सफल अध्ययन के बारे में बताया, जिनमें त्वचा रोग टीनिया संक्रमण के इलाज का शोध भी शामिल है। डॉक्टरों ने बताया कि इस बीमारी के 100 से अधिक रोगियों को पर अध्ययन किया गया है, जिसका परिणाम सकारात्मक आया है।
सहयोगी अनुसंधान की भी बना रहे योजना
बायोकेमिस्ट्री विभाग के डॉ. सुखेस मुख़र्जी के साथ होम्योपैथी विभाग के डॉक्टर फैटी लिवर के प्रबंधन में होम्योपैथिक दवाओं की भूमिका संबंधी पूर्व-नैदानिक अनुसंधान भी शुरू होने वाले हैं। भविष्य को देखते हुए होम्योपैथी विभाग प्रोस्टेट वृद्धि संबंधित रोग और मानसिक विकारों के प्रबंधन के लिए अन्य विभागों के साथ सहयोगी अनुसंधान की योजना भी बना रहा है, जिसका लक्ष्य एकीकृत देखभाल के दायरे और प्रभाव का विस्तार करना है।
चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता
प्रो. डॉ. अजय सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रत्येक चिकित्सा विज्ञान की शक्तियों का उपयोग करके व्यापक, रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। हमारा मानना है कि प्रत्येक प्रणाली में विशिष्ट स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने की अद्वितीय क्षमता है। एम्स में हम आयुष में अधिक बहु-विषयक अनुसंधान को प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि मजबूत नैदानिक साक्ष्य उत्पन्न हो सकें और हमारे रोगियों को उपलब्ध देखभाल की गुणवत्ता में वृद्धि हो सके। होम्योपैथी इकाई त्वचा रोग, बाल रोग, एलर्जी संबंधी विकार, प्रोस्टेट वृद्धि और मानसिक रोगों सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। होम्योपैथी ने अन्य चिकत्सा विभागों के सहयोग से कई महत्वपूर्ण शोध पर पहल की हैं। डॉ. आशीष कुमार दीक्षित के अनुसार, वर्तमान में ईएनटी विभाग के सहयोग से एलर्जिक राइनाइटिस पर दो प्रमुख अध्ययन किए जा रहे हैं।