वहीं, दूसरी तरफ अब मध्य प्रदेश में 22 साल बाद सरकार द्वारा बसों का संचालन दोबारा शुरु किया जाएगा। इन बसों को ‘मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा’ नाम से राज्य में चलाया जाएगा। आपको बता दें कि, पत्रिका लगातार इस मुद्दे को सरकार के सामने रख रहा था, जिसपर अब सरकार की ओर से फैसला लिया गया है।
यह भी पढ़ें- डायरेक्टर सनोज मिश्रा की रेप केस में गिरफ्तारी के बाद वायरल गर्ल मोनालिसा के परिजन ने भी दे दिया बड़ा बयान मोहन कैबिनेट में इन प्रस्तावों पर मुहर
-कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल के निर्माण हेतु केंद्र सरकार से 224 करोड़ रुपये की सहायता राशि मिली है। राशि का उपयोग उद्योगिक क्षेत्रों में महिला हॉस्टल बनाने के लिए होगा।
-27 अप्रैल को इंदौर में आईटी कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा, जिसमें तकनीकी और उद्योग विशेषज्ञ शामिल होंगे।
जल गंगा संवर्धन अभियान 30 मार्च से 30 जून तक चलाया जाएगा, जिसमें नदियों और जल स्रोतों के संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा। -गेहूं की खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर की जाएगी।
-14 लाख 76 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और अब तक 8 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जा चुकी है। -सरकार अब बस नहीं खरीदेगी। होल्डिंग कंपनी बनाकर पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल बसों का संचालन होगा।
-आईटी का उपयोग कर बसों का संचालन किया जाएगा, जिससे संचालन में आधुनिक तकनीकी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। बसों के टिकट सॉफ्टवेयर के जरिए जारी किए जाएंगे, जिससे टिकट प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जाएगा।
-मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा नाम से यह बसें चलेंगी, जो नागरिकों को बेहतर और सुविधाजनक परिवहन सेवा प्रदान करेंगी। -कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के तहत भत्ता दिया जाएगा, जिससे उनकी भत्तों में वृद्धि की जाएगी और कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा।
-‘सीएम राइज स्कूल’ का नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। अब इन स्कूलों को ‘सांदीपनि स्कूल’ नाम से जाना जाएगा।