घोषणा करने के बाद मुख्यमंत्री का कहना था कि “सीएम राइज स्कूल का नाम ऐसा लगता था जैसे अंग्रेजों के जमाने का हो, इसलिए इसे बदलकर सांदीपनि ऋषि के नाम पर किया गया है। इस कदम के जरिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों को एक भारतीय और सांस्कृतिक पहचान देने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि “सही मायने में स्कूल चलें हम अभियान 5000 साल पहले शुरू हो चुका था, जब इसे गुरुकुल कहा जाता था, आज ये स्कूल कहलाते हैं। श्रीकृष्ण ने 11 साल की उम्र में कंस का वध किया और फिर शिक्षा के लिए सांदीपनि आश्रम गए। वहां उनकी सुदामा से मित्रता हुई। आप भी अपने मित्रों के साथ श्रीकृष्ण और सुदामा जैसा रिश्ता बनाएं।
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जानकारी के लिए बता दें कि 1 अप्रैल 2025 को मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में ‘स्कूल चलें हम’ अभियान-2025 की शुरुआत हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल के शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अरेरा कॉलोनी (ओल्ड कैंपियन) पहुंचे, जहां राज्य स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस दौरान सीएम ने विद्यार्थियों को कहा कि शिक्षा किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होनी चाहिए, और सरकारी स्कूलों में भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने और कड़ी मेहनत के माध्यम से सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा दी।