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भोपाल

300 बेड के अस्पताल के निर्माण पर रोक

जगह की कमी के कारण निर्माण कार्य होल्ड किए, फ्रीज बंद तो फार्मासिस्ट सस्पेंडमेडिकल एजुकेशन कमिश्नर ने किया बीएमसी का निरीक्षण

भोपालJun 20, 2023 / 01:30 am

brajesh tiwari

Ban on construction of 300 bed hospital

Ban on construction of 300 bed hospital

सागर. मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर पंकज जैन अपनी टीम के साथ सोमवार को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंचे। कमिश्नर ने विभिन्न बड़े निर्माण कार्यों और विभागीय गतिविधियों की जानकारी ली वहीं उनकी दो टीमों ने बीएमसी और जिला अस्पताल का अलग-अलग निरीक्षण किया। बीएमसी में जगह की कमी को देखते हुए उन्होंने ऑडिटोरियम के पीछे बनने वाले 300 बेड के नए अस्पताल भवन और जिला अस्पताल से मिली 25 हजार वर्गफीट पर बनाई जा रहे 50 बेड के क्रिटिकल केयर सेंटर की कार्रवाई को होल्ड कर दिया है। प्रबंधन से कहा कि ये निर्माण जनसुविधाओं के अनुसार नहीं हो रहे हैं। निरीक्षण के दौरान विभागीय कमिश्नर ने छोटी-छोटी गलतियों पर भी प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई और स्टोर रूम में फ्रीज बंद होने पर एक फार्मासिस्ट को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए।मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर पंकज जैन सुबह करीब 9.45 बजे बीएमसी पहुंचे और सीधा डीन ऑफिस पहुंचकर डीन डॉ. आरएस वर्मा, अधीक्षक एसके पिप्पल के साथ बैठक शुरू कर दी। कमिश्नर ने बीएमसी को हालही में मिले करीब 201 करोड़ रुपए के खर्चों पर जानकारी ली। प्रबंधन ने बताया कि इन पैसों से बीएमसी परिसर में करीब 300 बेड का अस्पताल भवन, तिली में 2 छात्रावास बनाए जाना हैं। 50 बेड के क्रिटिकल केयर सेंटर में भी व्यवस्थाएं की जाएंगी। 250 एमबीबीएस व करीब 90 पीजी छात्रों व शिक्षकों के पढऩे-पढ़ाने, रहने और अन्य व्यवस्थाएं होंगी। नए उपकरण खरीदे जाएंगे। कमिश्नर ने सभी निर्माण कार्यों का नक्सा देखा, फाइनल डीपीआर पर चर्चा की। इस मौके पर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने प्रोजेक्टर से सभी निर्माण कार्यों को समझाया, लेकिन परिसर में ओपन स्पेस कम हो जाने के मुद्दे पर सहमति बनी कि परिसर में नया अस्पताल भवन न बनाकर दूसरी जगह बनाया जाए।

क्रिटिकल केयर सेंटर का कार्य होना था शुरू, अस्पताल की डीपीआर भी हो चुकी थी फाइनल-

ऑडिटोरियम के पीछे पार्किंग की जगह पर 300 बेड के अस्पताल भवन बनने से होने वाली असुविधा को देखते हुए विचार-विमर्श हुआ कि अस्पताल भवन जिला अस्पताल द्वारा मिली 25 हजार वर्गफीट पर बनाया जाए, इसके लिए जो और जमीन की आवश्यकता पड़ेगी वह जिला अस्पताल से और ली जा सकती है। ऐसे में 25 हजार वर्गफीट की जमीन पर बनने वाले 50 बेड के क्रिटिकल केयर सेंटर के निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी गई। दोनों भवनों के कार्य होल्ड कर दिए गए हैं। अस्पताल की जहां फाइनल डीपीआर बन चुकी थी वहीं क्रिटिकल केयर सेंटर के एनएचएम द्वारा टेंडर भी निकाल दिए गए हैं और यहां ठेकेदार भी तय हो गया था।

ओपीडी देखकर भड़के, फार्मासिस्ट सस्पेंड-

दिनभर की बैठकों के बाद शाम को मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर पंकज जैन ने ओपीडी सहित पूरे वार्डों का निरीक्षण किया। ओपीडी बंद मिलने और कैजुअल्टी में एसी न होने पर उन्होंने डीन को फटकार लगाई। वहीं विभिन्न आइसीयू रूम में वेंटीलेशन, पंखे-कूलर और एसी को लेकर नाराजगी जताई। वहीं दवाएं स्टोर करने 2 अलग-अलग रूम होने पर आपत्ति ली और दवाएं एक जगह स्टोर करने के निर्देश दिए। वहीं स्टोर रूम में फ्रीज बंद होने पर उन्होंने मौके पर मौजूद फार्मासिस्ट रामकिशन कुर्मी को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए।
हर छोटी से छोटी चीज का रेकॉर्ड होना चाहिए-कमिश्नर की टीम में शामिल अधिकारी डॉ. प्राजुल श्रीवास्तव, डॉ. वैभव जैन ने बीएमसी में विभिन्न ऑपरेशन थियेटर, आइसीयू, एक्सरे, सोनोग्राफी कक्ष का निरीक्षण किया। कई जगह एसी बंद होने पर नाराजगी जाहिर की। एक्सरे में जरूरी मशीनों की जानकारी मांगी। आइसीयू व कैजुएल्टी में मॉनीटर न होने व फॉलोअर बेड न होने पर व्यवस्थाएं सुधारने को बोला। वार्डों में दवाओं के लिए उपयोग किए जा रहे डोमेस्टिक फ्रिज की जगह आधुनिक और बड़े फ्रीज का उपयोग करने के लिए बोला। टीम ने कहा कि हर वार्ड में मरीजों को दी जाने वाली दवाओं, जांचों सहित हर चीज का रेकॉर्ड होना चाहिए। इसके बाद टीम डीन कार्यालय में बैठक स्थल पर पहुंची।

प्रसूताओं से पूछा पैसे तो नहीं लेते कर्मचारी-

दूसरी टीम ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों से जानकारी ली। यहां सीएमएचओ डॉ. ममता तिमोरी, आरएमओ डॉ. अभिषेक सिंह मौजूद रहे। प्रसूता वार्ड में विदीशा की महिला राखी रघुवंशी से अधिकारियों ने पूछा कि प्रसव के दौरान यहां के कर्मचारियों ने खुशखबर देने के नाम पर पैसे-मिठाई तो नहीं मांगी, जिसके जवाब में महिला ने पैसे देने की बात से इंकार किया। इसके बाद टीम ने जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड पहुंचकर व्यवस्थाएं देखीं। यहां भी मशीन का मॉनीटर चालू रखने की बात कही। एसएनसीयू के बाद टीम ने मरीजों से चर्चा की और फिर दूसरी टीम भी डीन कार्यालय पहुंच गई।

विभागाध्यक्षों की बैठक ली, फाइल मंगाईं-

कमिश्नर पंकज जैन ने डीन कार्यालय में ही शाम करीब 3.30 बजे बीएमसी के सभी विभागाध्यक्षों की बैठक ली। सभी विभागों में हुए कार्यों, जरूरतों की जानकारी मांगी। विभागों ने अपनी-अपनी जरूरतें बताईं ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास किया जा सके। इस मौके पर सभी विभागों के अधिकारी फाइलें समेटकर डीन कार्यालय की तरफ दौड़ें लगाते दिखे। शाम को कलेक्टर दीपक आर्य भी बीएमसी पहुंचे।

ये अच्छी पहल-

टीबी हॉस्पिटल को बेहतर बनाने के निर्देश

-कैजुअल्टी में मरीजों को एसी की सुविधा

-कैंसर विभाग को और डेवलप करने के निर्देश

-नेत्ररोग विभाग ने आधुनिक माइक्रोस्कोप की मांग रखी
-टीएनटी विभाग ने सर्जरी के एडवांस उपकरण मांगे

बीएमसी में मरम्मत के लिए मिलेगा बजट,एस्टीमेट बनाने को कहा

-मैनेजमेंट अच्छा रखने के निर्देश

-बीएमसी में अब जमीन पर भवन बनाने की मनाही
नई बिल्डिंग सुविधा जनक रूप से बनाई जा सके और मरीजों को इसका लाभ मिले इसकी प्लानिंग के लिए बीएमसी आए थे। अस्पताल की और भी समस्याएं है जिनका निराकरण किया जा रहा है।
पंकज जैन, मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर

बीएमसी परिसर में 300 बेड की अस्पताल बनाने से यहां ओपन स्पेस कम हो जाता, लेकिन हमारे पास यहां जगह नहीं थी इसलिए भवन बनाने की तैयारी थी, लेकिन अब अस्पताल भवन और क्रिटिकल केयर सेंटर का निर्माण कार्य होल्ड कर दिया गया है।
डॉ. आरएस वर्मा, डीन बीएमसी।

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