किसानों को किया जाएगा प्रेरित
यह कंपनी मुख्य रूप से युवाओं को रोजगार देने और किसानों की समृद्धि के लिए कार्य करेगी। 11 हेक्टेयर में बनने वाली इस कंपनी के 30 प्रतिशत हिस्से में नर्सरी तैयार की जाएगी, जहां उच्च गुणवत्ता की पौधों को विकसित किया जाएगा। किसानों को खेतों की मेड़ पर पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे वे एक बीघा भूमि से सालाना एक से डेढ़ लाख रुपए तक की कमाई कर सकेंगे। यह पौधे चार साल के अनुबंध के तहत लगाए जाएंगे। किसानों से नीलगिरि,बबूल और बांस जैसे पेड़ों के पौधे लगवाए जाएंगे।
औद्योगीकरण को लेकर सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से उन्होंने कार्यभार संभाला है, तब से वे लगातार प्रदेश के विभिन्न संभागों में जाकर उद्योगों को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अन्य प्रदेशों और विदेशों में जाकर निवेशकों को आमंत्रित किया है। भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में भी दुनियाभर के निवेशकों ने भाग लिया था। प्रदेश में लगातार औद्योगिक परियोजनाओं का भूमिपूजन और लोकार्पण हो रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश में कानून का राज स्थापित रहेगा और उद्योगपतियों को सुरक्षा की पूरी गारंटी दी जाएगी। निवेशकों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार का लक्ष्य हर तहसील और शहर में निवेश को प्रोत्साहित करना है।
350 युवाओं को मिलेगा रोजगार
एलीक्सिर इंडस्ट्रीज के चेयरमैन अरुण गोयल ने कहा कि वे करीब एक हजार करोड़ रुपए का निवेश करेंगे और इससे मालनपुर में 350 युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने युवाओं को भरोसा दिलाते हुए कहा कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण की यह प्रक्रिया रुकने वाली नहीं है। भिंड के साथ-साथ ग्वालियर और मुरैना भी औद्योगिक रूप से विकसित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नेतृत्व ऐसा होना चाहिए, जो लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करे। सरकार लगातार औद्योगिक परियोजनाओं को बढ़ावा दे रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है और लगातार नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है और यह प्रदेश अब उद्योगों का भी हब बनता जा रहा है।
भिंड में संसाधनों की कोई कमी नहीं
कार्यक्रम में शामिल प्रदेश के प्रभारी मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि जब वे राजनीति में आए थे, तब से मालनपुर औद्योगीकरण की दिशा में अग्रसर है। इस क्षेत्र ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। भिंड को आर्थिक रूप से पिछड़ा जिला माना जाता है, लेकिन संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों में बदलाव के कारण अब उद्योग और श्रमिकों के बीच टकराव की स्थिति नहीं बनती है। सरकार उद्योगों को समर्थन देने के साथ-साथ श्रमिकों के हितों की भी रक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक रीजनल कॉन्क्लेव नहीं हुई थी, लेकिन इस आयोजन से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। सरकार उद्योगों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को हल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य, विधायक अंबरीश शर्मा, विधायक केशव देसाई, जिला पंचायत अध्यक्ष कामना भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, एसपी डॉ. असित यादव, एएसपी संजीव पाठक, नगरपालिका अध्यक्ष रायश्री और कंपनी के चेयरमैन अरुण गोयल सहित कई अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।