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भिंड

अब बचना मुश्किल! अवैध कॉलोनियों से भी वसूला जाएगा प्रॉपर्टी टैक्स, एक्शन में नपा

Property tax: जिन लोगों ने अब तक टैक्स देने से बचने के लिए नामांतरण नहीं कराया था, अब उनका यह खेल ज्यादा दिन नहीं चलेगा। नपा ने ऐसे 65 हजार घरों को चिंहित किया है जिनसे कर वसूला जाएगा।

भिंडApr 06, 2025 / 11:55 am

Akash Dewani

Bhind nagar palika will start to collect Property tax from illegal colonies in mp
विष्णु तोमर की रिपोर्ट

Property tax: मध्य प्रदेश के भिंड शहर में बिना अनुमति बनी कॉलोनियों और मकानों पर अब नगर पालिका की नजरें टेढ़ी हो गई हैं। जिन लोगों ने अब तक टैक्स देने से बचने के लिए नामांतरण नहीं कराया था, अब उनका यह खेल ज्यादा दिन नहीं चलेगा। नगर पालिका ने 65 हजार मकानों की पहचान कर उन्हें टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी पूरी कर ली है। यह कदम सिर्फ टैक्स वसूली के लिए नहीं, बल्कि नगर विकास के लिए आय अर्जित करने की दिशा में भी अहम माना जा रहा है।

36 हजार मकान दर्ज, 29 हजार टैक्स से बाहर

नगर पालिका के पोर्टल पर भिंड शहर में फिलहाल 36 हजार मकान दर्ज हैं, जिनसे संपत्ति कर वसूला जा रहा है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि करीब 29 हजार मकान ऐसे हैं, जो नामांतरण के अभाव में टैक्स के दायरे से बाहर हैं। इन मकानों के मालिक शहरी सुविधाओं का भरपूर लाभ ले रहे हैं, लेकिन टैक्स देने से बचते रहे हैं। अब जल्द ही इन सभी पर भी टैक्स लगेगा।

चार माह से जारी है मकानों का सर्वे

मकानों की गणना का जिम्मा नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने जीआईएस एजेंसी को सौंपा है। एजेंसी पिछले चार महीनों से भिंड शहर में घर-घर जाकर सर्वे कर रही है। अब तक 32 वार्डों की गणना पूरी हो चुकी है और 45 हजार मकानों की पहचान की जा चुकी है। शेष 7 वार्डों का काम भी अगले दो महीनों में निपटा लिया जाएगा।
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नामांतरण नहीं कराया तो अब चुकाना पड़ेगा टैक्स

अधिकतर मामलों में मकान मालिकों ने केवल राजस्व विभाग में नामांतरण कराया है, लेकिन नगर पालिका में नहीं। नियमों के अनुसार, मकान की रजिस्ट्री के बाद नगर पालिका में नामांतरण अनिवार्य होता है। लेकिन टैक्स बचाने की नीयत से लोगों ने यह प्रक्रिया अधूरी छोड़ दी। अब नगर पालिका खुद सर्वे कर ऐसे मकानों को चिन्हित कर रही है और टैक्स के साथ नामांतरण शुल्क भी वसूल करेगी।

सिर्फ संपत्ति कर से 1.27 करोड़ की बढ़ेगी आय

फिलहाल नगर पालिका द्वारा करीब 1 करोड़ रुपए का संपत्ति कर लगाया जा रहा है, लेकिन वसूली महज 20% हो पा रही है। नए मकानों को टैक्स के दायरे में लाने से संपत्ति कर से ही नगर पालिका की आय 1.27 करोड़ रुपए तक बढ़ने की संभावना है। वहीं अन्य करों में भी करीब 8.6 करोड़ की राशि बकाया है, जिसे अब सख्ती से वसूलने की योजना है।
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नगर विकास के लिए जरूरी है आमदनी

नगर पालका अध्यक्ष वर्षा वाल्मीकि ने बताया कि शासन से निर्देश मिले हैं कि नगर पालिका को विकास कार्यों के लिए खुद की आय पर निर्भर होना होगा। इसी के तहत सभी मकानों को टैक्स के दायरे में लाया जा रहा है ताकि अवैध कॉलोनियों में भी विकास कार्य किए जा सकें। जीआईएस एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर रवि पुंडीर के अनुसार, सर्वे कार्य के दौरान टीम घर-घर जाकर रजिस्ट्री और अन्य दस्तावेजों की जांच कर रही है। अब तक 45 हजार मकानों की गणना पूरी हो चुकी है और शेष दो महीनों में पूरा शहर कवर कर लिया जाएगा।

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