ट्रांसफार्मर पर भारी दबाव, बिजली और पानी दोनों का संकट
गर्मी के चलते ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ गया है। जहां सामान्य दिनों में बिजली की खपत 8 लाख यूनिट होती थी, अब यह बढ़कर 10 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। इससे महीने में खपत तीन करोड़ यूनिट से अधिक होने का अनुमान है। लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मर बार-बार ट्रिप कर रहे हैं, जिससे कई मोहल्लों में सुबह-शाम पानी की किल्लत हो रही है। बिजली न आने से सरकारी और निजी पंप बंद पड़े हैं, जिसके चलते लोगों को पानी के लिए हैंडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में भी स्थिति गंभीर है, जहां बिजली की सप्लाई 18 घंटे तक ही सीमित रह गई है।
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बिजली कंपनी के अनुसार, गर्मी बढ़ने के साथ ही लोड में 40 फीसदी तक की वृद्धि होने की संभावना है। इस कारण कई जगह ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं और मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है। बिजली कंपनी ने अवैध तारों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
अधिकारियों का बयान
बिजली कंपनी भिंड के महाप्रबंधक पीके जैन का कहना है कि गर्मी और आंधी के कारण फीडरों पर समस्या बढ़ रही है। कुछ इलाकों में मेंटेनेंस कार्य के चलते भी कटौती करनी पड़ रही है। लोगों से अपील है कि वे बिजली का उपयोग मीटर से ही करें ताकि अनावश्यक लोड से बचा जा सके।
क्या है समाधान?
बिजली कंपनी ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक बिजली उपकरणों का उपयोग कम करें और अवैध कनेक्शनों को हटाने में सहयोग दें। साथ ही, ट्रांसफार्मरों के नियमित रखरखाव पर भी जोर दिया जा रहा है। भीषण गर्मी में बिजली कटौती और पानी की किल्लत ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में जरूरत है कि बिजली के उपयोग में सावधानी बरतें और अनावश्यक लोड से बचें।