9 मार्च 2022 को वीजन इंडिया वेलफेयर सोसायटी ने जीवलिया गांव में महिला विश्वविद्यालय स्थापित के लिए सरकार के समक्ष आवेदन पेश किया था। जमीन तलाशने के बाद 4 अक्टूबर 2023 को जीवलिया की दो आराजी से कुल 12.32 हैक्टर (30.44 एकड़) बेशकीमती भूमि आवंटित कर दी। सोसायटी ने 34 लाख 44 हजार 46 रुपए कलक्टर के आदेश पर जमा कराए। जमीन का आवंटन होने के साथ ग्रामीणों ने विरोध का बिगुल बजा दिया।
जाट पर आरोप था कि 70 करोड़ की जमीन को 35 लाख में दिलवा दी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जांच में सोसायटी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद भाजपा सरकार ने ग्रामीणों की शिकायत को गंभीर लेते हुए जांच के बाद आवंटन निरस्त कर दिया। निरस्ती के आदेश के बाद आसींद तहसीलदार ने जमीन को कब्जे में ले लिया।
ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों का आरोप था कि इस भूमि को देव भूमि माना जाता है और आवंटित भूमि में तेजाजी महाराज का छोटा चबूतरा है। इस भूमि की रजिस्ट्री उप पंजीयक कार्यालय आसींद से हुई थी। रजिस्ट्री में पूर्व मंत्री जाट के बेटे अंकित के बतौर गवाह हस्ताक्षर है। यह मामला बाद में राजस्थान उच्च न्यायालय में भी गया था। इस संबंध में सोसायटी सचिव शंकर गाड़री से बात की गई तो उनका कहना था कि वह अभी बाहर है, आवंटन निरस्त की जानकारी नहीं है।