बिजौलिया खनिज विभाग ने 9 अलग-अलग जगह पर जब्त 2184 टन बजरी की नीलामी निकाली। नीलामी 9 फरवरी 2024 को प्रभुलाल धाकड ने 605 रुपए प्रति टन की दर से छुड़ाई। लेकिन इस बजरी के आड में अवैध खनन का खेल खेला गया। धाकड़ को 2184 टन बजरी के स्टॉक के लिए खनि अभियंता बिजौलिया ने 400 रवन्ना जारी किएए। इससे लगभग 32 हजार टन बजरी का परिवहन हुआ। यानी धाकड़ ने 29 हजार 816 टन बजरी का अवैध खनन कर परिवहन किया। फिर भी अभियंता ने अधिशुल्क निर्धारण में संज्ञान न लेकर जान-बूझकर भूल की। अधिशुल्क निर्धारण के समय नीलामी की शर्तों को भी ध्यान नहीं रखा गया। बजरी का स्टॉक नौ जगह, रवन्ना कांटे एक जगह
नीलाम किए बजरी स्टॉक 9 लोकेशन पर थे। इनमें से 2 स्टॉक की लोकेशन ग्राम बिलोड में एक ही खसरा में थे। खनिज अभियंता बिजौलिया कार्यालय से प्राप्त रवन्नाओं की प्रतियों के अवलोकन से तत्कालीन अधीक्षण खनि अभियंता सतर्कता अविनाश कुलदीप ने यह निष्कर्ष निकाला था कि 20 फरवरी 2024 को रवन्ना संख्या 964851 से 964860 तक ग्राम मुकदपुरा, बिकरण, सांड, ओडा से 1 बजे काटे गऐ। रवन्ना संख्या 964905 से 964911 तक उसी दिन ओडा में, रवन्ना संख्या 964906 समय 9.30 बजे पर, 964907 दोपहर 12.30 बजे तत्पश्चात रवन्ना संख्या 964908 पुन: 8.20 बजे पर तथा रवन्ना संख्या 964911 समय 8.30 बजे काटा जाना पाया गया जो कि समभव नही है। इस रवन्नाओं का दुरूपयोग किया गया।
बजरी भरी डंपर व ट्रेलर में, परिवहन बताया ट्रैक्टर ट्रॉली से जांच में यह भी सामने आया था कि बजरी ठेकेदार प्रभुलाल ने रवन्नाओं का उपयोग डंपर व ट्रेलर के माध्यम से किया, लेकिन रवन्ना बुक की तीसरी प्रति में बजरी का परिवहन ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से करना बताकर मात्र 4 टन के बजरी पर अधिशुल्क निर्धारण किया। एमइ बिजौलिया की ओर से किए अधिशुल्क निर्धारण की मात्रा से कई गुणा अधिक परिवहन हुई।