Bhilai News: अब मनमर्जी से नहीं कर सकेंगे खुद को जीरो ईयर
कार्यपरिषद की बैठक में फैसला लिया गया है कि यदि कोई कॉलेज उक्त वर्ष के लिए
सीएसवीटीयू से एफीलेशन नहीं लेगा तो विवि आगे के सत्र में उसे नया संस्थान मानेगा। विवि से संबद्धता लेने पर उस कॉलेज को नए संस्थान की तर्ज पर सभी आर्हताएं पूर्ण करनी होगी। संबद्धता शुल्क भी नए कॉलेज के बराबर लिया जाएगा।
विवि ने कह दिया है कि कॉलेज संचालन में दिक्कत आ रही है तो वे क्लोजर का आवेदन किया जा सकता है, ताकि उनमें पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स की व्यवस्था बनाई जा सके। बच्चे प्रभावित न हों।
भिलाई में नया पॉलीटेक्निक
नए शैक्षणिक सत्र में भिलाई के कुरुद में एक नया पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने का आवेदन सीएसवीटीयू को मिला है। फिलहाल, प्रदेश में 43 पॉलीटेक्निक कॉलेज हैं, जिनमें करीब 8 हजार सीटें हैं। शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेजों को छोड़कर करीब-करीब सभी निजी
पॉलीटेक्निक संस्थानों की हालत खस्ता बनी हुई है। अभी तक किसी निजी या शासकीय संस्थान का क्लोजर आवेदन सीएसवीटीयू को नहीं मिला है।
एक दौर था जब प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेजों की भरमार हुआ करती थी। हर एक कॉलेज में एडमिशन पीक पर थे, लेकिन एक दशक में इंजीनियरिंग का क्रेज कम होने के साथ ही इनके कॉलेजों की संख्या भी घट गई है। अब एक बार फिर वही दौर फार्मेसी के लिए बनता दिख रहा है। प्रदेश में पहले ही फार्मेसी के 95 कॉलेज हैं। बावजूद इसके 9 नए संस्थान शुरू करने संचालकों ने आवेदन किया है।
इस साल 9 फार्मेसी कॉलेज नए
नए सत्र में इन नए फार्मेसी कॉलेजों की शुरुआत होने पर प्रदेश में बैचलर ऑफ फार्मेसी की करीब 580 सीटें बढ़ सकती है। हालांकि यह नए फार्मेसी कॉलेज
दुर्ग-भिलाई में नहीं होंगे, बल्कि इन्हें रायपुर, बिलासपुर, गरियाबंद, धमतरी और जशपुर में शुरू करने आवेदन किया गया है।
पूर्व वर्ष में सीएसवीटीयू ने नए फार्मेसी संस्थानाें का दो बार निरीक्षण करने के बाद संबद्धता की प्रक्रिया पूरी की थी। इस पर कई संस्थान बिलासपुर हाईकोर्ट की शरण में चले गए। जिसके बाद कोर्ट ने नए सिरे से इनको संबद्धता जारी करने निर्देश दिया था।
सीएसवीटीयू के अंकित अरोराकुलसचिव ने कहा की इस साल प्रदेश में नए फार्मेसी संस्थान खोलने का आवेदन मिला है। इनमें एक पॉलीटेक्निक और 9 फार्मेसी कॉलेज हैं। इनके प्रस्ताव पर निर्णय बाकी है।
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