सरकारी पिस्टल की हेराफेरी में दो और निलंबन
दरअसल, निलंबन के बाद दरोगा बलवीर सिंह ने अपने सरकारी पिस्टल को थाने में जमा न कर, सीधे चौकी पर तैनात सिपाही रजत कुमार को सौंप दिया। रजत कुमार ने इस बात की सूचना अपने उच्चाधिकारियों को नहीं दी, बल्कि पिस्टल को चुपचाप नियमों की अवहेलना करते हुए हेड मोहर्रिर मनोज कुमार को सौंप दिया। मनोज कुमार ने भी बिना किसी आधिकारिक प्रक्रिया के उसे मालखाने में जमा कर लिया। जैसे ही यह बात एसएसपी को पता चली, दोनों को निलंबित कर दिया गया।
भाजपा नेता से नजदीकियों के नाम पर चलाता था धौंस
चौकी प्रभारी बलवीर सिंह खुद को भाजपा के एक प्रभावशाली प्रदेश स्तरीय नेता का रिश्तेदार बताकर प्रभाव जमाता था। यही नहीं, उक्त नेता से फोन करवाकर बलवीर ने कई बार अपने ट्रांसफर और तैनाती में मनचाहे तरीके से हस्तक्षेप कराया। स्थानीय पुलिस थानों में उसकी दबंगई का आलम यह था कि थानेदार और निरीक्षक तक उससे कुछ कहने में हिचकिचाते थे। इससे पहले जगतपुर में तैनाती के दौरान बलवीर पर गोकशी के आरोप भी लग चुके हैं।
व्यक्तिगत जीवन में भी विवादों से घिरे रहे दरोगा बलवीर
जानकारी के मुताबिक, बलवीर सिंह की पत्नी के अलावा दो अन्य महिलाओं से संबंध बताए जा रहे हैं। इन महिलाओं ने कई बार बलवीर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और इस संबंध में जांच भी जारी है। दिलचस्प बात यह है कि बलवीर ने कभी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन किया था, लेकिन फतेहगंज पश्चिमी चौकी पर तैनात होते ही उसने वसूली से मिलने वाले ‘लाभ’ के चलते VRS वापस ले लिया।
रबर फैक्ट्री में अवैध हिरासत और वसूली का सनसनीखेज मामला
गत गुरुवार को चौकी प्रभारी बलवीर सिंह, सिपाही मोहित चौधरी और हिमांशु भिटौरा मोहल्ला निवासी किसान बलवीर सिंह के घर में जबरन घुस गए थे। आरोप है कि इन्होंने किसान के सिर पर तमंचा रखकर उसकी और उसके बेटे की तस्वीरें खींचीं, फिर दोनों को बाइक से उठाकर रबर फैक्ट्री की कॉलोनी में स्थित कमरे में ले गए। वहां उन्हें जेल भेजने की धमकी दी गई और तीन लाख रुपये की मांग की गई। बाद में दो लाख रुपये जबरन वसूले गए।