आईएमए की बैठक में डॉक्टरों और सदस्यों ने कहा कि बरेली के किसी भी सांसद या विधायक ने अब तक ऐसी टिप्पणी नहीं की, लेकिन आंवला के सांसद ने संसद में जाकर बरेली के चिकित्सा जगत को बदनाम करने की कोशिश की है। यह न केवल तथ्यों से परे है, बल्कि शहर की चिकित्सा सेवाओं की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला भी है।
गरीबों के इलाज की प्रभावी व्यवस्था पहले से मौजूद
बैठक के दौरान कहा गया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा मिल रही है, जिससे हजारों मरीजों को लाभ मिल रहा है। यदि कोई अस्पताल या डॉक्टर अनैतिक गतिविधियों में लिप्त है, तो सांसद को उसके खिलाफ सटीक प्रमाण पेश करने चाहिए, न कि पूरे चिकित्सा समुदाय को बदनाम करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि संसद की कार्यवाही से ‘लूट’ शब्द और बरेली का नाम हटाया जाए। उन्होंने कहा कि बरेली उत्तर भारत का एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र है, जहां दूर-दराज से मरीज सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज प्राप्त करने आते हैं।
बरेली के डॉक्टरों की साख पर सवाल गलत
आईएमए ने सांसद नीरज मौर्य से अपने बयान को तुरंत वापस लेने और चिकित्सा समुदाय से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर सांसद को बरेली में चिकित्सा व्यवस्था से कोई शिकायत है, तो वे तथ्यों और प्रमाणों के साथ सामने आएं। बिना किसी आधार के पूरी चिकित्सा व्यवस्था को “लूट का अड्डा” कहना न केवल गलत है, बल्कि डॉक्टरों और अस्पतालों की साख को भी ठेस पहुंचाता है। बरेली के डॉक्टर और अस्पताल पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ मरीजों की सेवा कर रहे हैं। इस तरह की आधारहीन और अपमानजनक टिप्पणियों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।