ममता अग्रवाल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई थी, जिसके आदेश पर कोतवाली पुलिस ने तीन आरोपियों — रवि अग्रवाल, उनकी पत्नी संगीता अग्रवाल, और पुत्र तुषार अग्रवाल — के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
वर्ष 1984 में खरीदी थी जमीन, बैंक को दी थी किराए पर
पीड़िता ममता ने बताया कि उनके पति योगेश अग्रवाल ने अपनी मां सरोज अग्रवाल के साथ मिलकर वर्ष 1984 में रामपुर गार्डन स्थित एक प्लॉट शकुंतला और सुनीता से खरीदा था। इसके बाद उस प्लॉट पर भवन निर्माण कर उसे बैंक ऑफ बड़ौदा को किराए पर दे दिया गया। बैंक नियमित रूप से किराया देता रहा, और इस संपत्ति पर योगेश और उनकी मां का अधिकार बना रहा।
पति और सास की मृत्यु के बाद उठाया गया फर्जीवाड़ा
ममता अग्रवाल ने बताया कि उनके पति और सास के निधन के बाद उन्होंने खुद और अपने बच्चों के नाम पर संपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान जब उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा की रामपुर गार्डन शाखा से संपर्क किया, तो उन्हें पता चला कि उनके जेठ रवि अग्रवाल ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से संपत्ति को दान के रूप में अपने नाम, पत्नी और बेटे के नाम पर ट्रांसफर करा लिया है।
धमकी और कब्जे के प्रयास का आरोप
ममता का आरोप है कि जब उन्होंने इस कृत्य का विरोध किया तो रवि अग्रवाल और उनके परिवार ने उन्हें और उनके बच्चों को धमकियां दीं। साथ ही, उनकी अन्य संपत्तियों पर भी कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। पीड़िता के अनुसार, उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई है। एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद रवि अग्रवाल, संगीता अग्रवाल और तुषार अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों की कूटरचना और धमकी देने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है।