दपरे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अनीष हेगड़े ने पत्रिका को बताया कि किसी भी अनहोने से निपटने के लिए रेलवे ने चौबीस घंटे निरंतर ट्रेक की जांच शुरू कर दी है। वहीं विभिन्न स्थानों पर रेत से भरी बोरियां रखवाई गई हैं। इसके अलावा जेसीबी सहित पोकलेन आदि को भी तैयार किया गया है। इसके अलावा दक्षिण पश्चिम रेलवे मुख्यालय में हुब्बल्ली में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। रेलवे ट्रेक से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को किसी भी परििस्थति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश भी दिए गए हैं। हेगड़े ने बताया कि बिपारजॉय का असर कर्नाटक क्षेत्र में नहीं है। लेकिन रेलवे हर परििस्थति से निपटने को तैयार है। सभी एहतियाती उपाय किए गए हैं।उन्होंने बताया कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार चक्रवात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों को प्रभावित करने की उम्मीद है। संवेदनशील क्षेत्रों में भावनगर, महुवा, वेरावल से पोरबंदर क्षेत्र, ओखा से एचएपीए और गांधीधाम क्षेत्र शामिल हैं। 14 तारीख की शाम को मांडवी-जखाऊ बंदरगाह के पास लैंडफॉल होने का अनुमान है। भारतीय रेलवे ने सुरक्षा सुनिश्चित करने और चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है।