scriptप्रार्थना में शब्दों से ज्यादा भक्त के भाव महत्वपूर्ण: साध्वी भव्यगुणा | Devotee's feelings are more important than words in prayer: Sadhvi | Patrika News
बैंगलोर

प्रार्थना में शब्दों से ज्यादा भक्त के भाव महत्वपूर्ण: साध्वी भव्यगुणा

इंदिरानगर में प्रवचन

बैंगलोरAug 05, 2024 / 05:39 pm

Santosh kumar Pandey

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बेंगलूरु. जिस प्रकार पशु को घास तथा मनुष्य को आहार के रूप में अन्न की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार भगवान को भावना की जरूरत होती है। प्रार्थना में उपयोग किए जा रहे शब्द महत्वपूर्ण नहीं बल्कि भक्त के भाव महत्वपूर्ण होते हैं।यह विचार इंदिरानगर पंचमोती बिल्डिंग में साध्वी भव्यगुणाश्री ने व्यक्त किए।
साध्वी ने कहा कि कोई भी सुरक्षा मनुष्य को मौत से नहीं बचा सकती। जीवन की रक्षा के लिए भले ही कितने सुरक्षा कर्मचारी तैनात कर लें लेकिन वे मौत नहीं बचा सकते। मौत से बचना है तो केवल आपके किए गए पुण्य कार्य ही उसे आने से रोक सकते हैं।साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि वास्तव में ‘होटल’ का अर्थ ‘वहां से टल’ जाना ही समझना चाहिए। शाकाहार का पालन करने वालों को चाहिए कि कभी भी उस होटल में भोजन न करें जहा मांसाहारी भोजन भी बनता हो। वैसे भी घर में पका भोजन ही श्रेष्ठ होता है क्योंकि उसमें वात्सल्य, प्रेम रहता है। हमेशा ही घर में बने भोजन को प्राथमिकता दें।
विहार सेवा में उत्तमचंद रोहित गादिया, प्रसन्न कांकरिया आदि ने लाभ लिया।

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