बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने अभिनेताओं की कम उपस्थिति की आलोचना की कहा, उन्हें पता है कि फिल्म उद्योग के नट और बोल्ट को कैसे कसना है। इसे लेकर आलोचना शुरू हो गई और उन पर फिल्म उद्योग को धमकाने के आरोप भी लगे।
इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा, हम सही और परिष्कृत नहीं हो सकते हैं। मुझे इसे सुधारने दें। मैं भगवान नहीं हूं, इसलिए अगर मैंने कुछ गलत किया है, तो मैं इसे सुधारूंगा, लेकिन मैं (फिल्म) उद्योग के सर्वोत्तम हित में बोल रहा हूं। मैं भी उद्योग से हूं। इस उद्योग में मेरी रुचि है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, हमने बेंगलूरु में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित किया और अगले साल मैं बेंगलूरु में आइफा (अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार) आयोजित करने की योजना बना रहा हूं। शिवकुमार की टिप्पणियों की भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी आलोचना की और उन पर अभिनेताओं को धमकाने का आरोप लगाया। भाजपा नेता सी.एन. अश्वथ नारायण ने बयान की निंदा करते हुए कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार कलाकारों पर अपने राजनीतिक अभियान का समर्थन करने के लिए दबाव डाल रही है।