परिवहन एवं देवस्थानम मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने पत्रिका को बताया कि 11 जून को प्रदेश में शक्ति योजना की शुरुआत हुई थी। उसी दिन यात्री भार को देखते हुए बेंगलूरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) को दस सीएनजी बसें उपलब्ध करवाई गईं। उन्होंने बताया कि इलेक्टि्रक बसों को चार्ज करने के लिए बीएमटीसी के शांतिनगर, केंगेरी, जयनगर डिपो में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं। वहीं राज्य सरकार ने 28 करोड़ रुपए का प्रावधान नई बसों की खरीद के लिए किया है। इस राशि से नई बसें खरीदी जा सकेंगी।
इस संंबंध में कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी ) के प्रबंध निदेशक वी. अन्बुककुमार ने बताया कि प्रदेश में शक्ति योजना लागू होने के बाद यात्री भार में खासी वृदि्ध हुई है। निगम प्रतिदिन के यात्री भार के आकड़ों की समीक्षा कर रहा है। एक माह तक निरंतर समीक्षा के बाद निगम नई बसों की खरीद पर विचार करेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्सवी माहौल चल रहा है। इसलिए बसों में यात्री भार कुछ ज्यादा ही है, यात्री भार िस्थर होने के बाद तय हो पाएगा कि प्रति बस कितना यात्री भार मिल रहा है। निगम यात्री भार की समीक्षा के बाद नई बसों की खरीद का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजेगा।
जानकारी के अनुसार चारों परिवहन निगमों में 10 जून तक औसतन 84 लाख 15 हजार यात्री भार था। जो अब बढ़कर 1 करोड़ 16 लाख तक पहुंच गया है। करीब 30 प्रतिशत यात्री भार की वृदि्ध् देखी जा रही है। 16 जून रात बारह बजे तक केएसआरटीसी की बसाें में कुल 39 लाख 17 हजार 079 यात्रियों ने सफर किया। इनमें से 16 लाख 34 हजार 991 महिलाएं थीं। बीएमटीसी की बसों में कुल 36 लाख 413 यात्रियों ने सफर किया। इनमें से 17 लाख 93 हजार 861 महिलाएं थीं। एनडब्ल्यूकेआरटीसी की बसों में कुल 25 लाख 17 हजार लोगाें ने सफर किया। इनमें से 13 लाख 56 हजार 319 महिलाएं थीं। वहीं कल्याण कर्नाटक ट्रांसपाेर्ट कॉरपोरेशन की बसों में 15 लाख 80 हजार 966 लोगों ने सफर किया। इनमें से 7 लाख 24 हजार 599 महिलाओं ने सफर का लुत्फ उठाया। इससे चारों निगमों पर 12 करोड़ 45 लाख 19 हजार 262 रुपए का भार पड़ा।