तीनों युवक समझ नहीं पाए और
मिली जानकारी के अनुसार 15 मार्च को संध्या 6.15 बजे अनिल साहू पिता स्व. खिलेश्वर साहू उम्र 18 वर्ष, विकास ठाकुर पिता सुखी ठाकुर उम्र 19 वर्ष और पीयूष साहू पिता दिलीप साहू उम्र 16 वर्ष अपने ग्राम मनकी से मोटरसाइकिल सीजी 07 एजे 8736 पर बैठकर अपने पड़ोसी ग्राम तेलीटोला में हो रहे फाग गीत प्रतियोगिता में अपने गांव की मंडली की प्रस्तुति देखने पहुंचे थे। प्रस्तुति देखने के बाद अपने गांव मनकी वापस आ रहे थे। गांव के कुछ दूर पहले सड़क पर एक खराब ट्रक क्रमांक सीजी 07 बीए 4777 बाईं ओर का टायर खराब होने के कारण सड़क पर खड़ा हुआ था। रात के अंधेरे में तीनों युवक समझ नहीं पाए और ट्रक में जाकर घुस गए, जिससे घटनास्थल पर ही इन तीनों युवकों को गंभीर चोटें आईं। हादसे की सूचना मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल तीनों बच्चों को हॉस्पिटल पहुंचने के लिए 108 संजीवनी एक्सप्रेस पर कई बार फोन लगाया गया किंतु सफलता नहीं मिली। इसके बाद तीनों बच्चों को मोटर साइकिल में बैठा कर मनकी से 4 किलोमीटर दूरी पर स्थित अर्जुंदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
तीनों को एक साथ दी गई मुखाग्नि
अर्जुंदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गांव वालों की भीड़ लग गई। स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग तथा जनप्रतिनिधियों के सहयोग से तीनों बच्चों के शवों को गुंडरदेही मर्चुरी भिजवाया गया, जिनका रविवार की सुबह पोस्टमार्टम किया गया। उसके बाद गांव में तीनों की एक साथ अर्थी उठी और एक साथ ही तीनों को मुखाग्नि दी गई। दो परिवारों ने खोया अपना इकलौता बेटा
दो परिवारों के इकलौते बेटे के जाने से, जो अभी दुनिया भी नहीं देख पाए थे, जिसे देखकर मां और पिता दोनों ही अपने आप को संभाल नहीं पाए और रोने लगे, जिसे देखकर पूरा गांव रोने लगा और पूरे गांव में मातम का माहौल बन गया।
आधे घंटे तक इलाज नहीं मिलने से गई जान
दुर्घटना के बाद बच्चों की सांस चल रही थी किंतु आधे घंटे तक इलाज नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपनी सांस छोड़ दी। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने लगातार संजीवनी एक्सप्रेस 108 से संपर्क करने का प्रयास किया किंतु किसी प्रकार से उनसे संपर्क नहीं हो पाया, जिसके चलते बच्चों की जान गई। अगर उचित समय में इन बच्चों को अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो शायद एकाध बच्चे की जान बच जाती। 108 संजीवनी एक्सप्रेस वालों ने बड़ी लापरवाही की है, जिसके चलते बच्चों की जान चली गई। water crisis : भू-जल स्तर गिरने से गहराने लगा पेयजल संकट, नल-जल कनेक्शन से निकल रही हवा
पिता की भी जान गई थी सड़क हादसे में
अनिल साहू के पिता स्व. खिलेश्वर साहू की मृत्यु भी 7 माह पूर्व वाहन दुर्घटना में हुई थी। वे कृषि कार्य करते थे। परिवार में मां और एक भाई व एक बहन बचे हैं। वहीं विकास ठाकुर पिता सुखी ठाकुर उम्र 19 परिवार का परिवार कृषि मजदूरी करता है। परिवार में माता पिता व तीन विवाहित बहनें हैं। पीयूष साहू पिता दिलीप साहू उम्र 16 वर्ष का परिवार भी कृषि मजदूरी करता है।
लापरवाहीपूर्वक सड़क पर वाहन खड़ा करने पर जुर्म दर्ज
थाना अर्जुंदा ने मामले में मार्ग कायम करते हुए लापरवाहीपूर्वक सड़क पर वाहन खड़ा करने के आधार पर वाहन चालक के खिलाफ धारा 106 बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की। पूर्व सरपंच रामकृपाल सिन्हा ने दिल दहला देने वाली इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए इन तीनों परिवार और उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए प्रार्थना की। साथ ही 108 संजीवनी एक्सप्रेस सुविधा का सही संचालन नहीं होने की बात कही और देवरी नायब तहसीलदार मांडवी के कॉल रिसीव नहीं करने की बात बताई। डौंडीलोहारा एसडीएम से बात करने पर भी उनके द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई और आज की तारीख में पीडि़त परिवारों को शासन-प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई सहानुभूति प्राप्त नहीं हुई है, जिसके चलते गांव में आक्रोश का माहौल फैला हुआ है।