आलोक कुमार ने बताया कि उसकी नाबालिग बहन ज्योति को जो कक्षा 10 की छात्रा थी को सोनू पुत्र टुन्नू कुछ वर्ष पहले भगा ले गया था। उस समय पुलिस ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई इनकी प्रभाव की वजह से नहीं की थी। बाद में ज्योति की शादी जबरन सोनू से करा दी गई। विवाह के बाद, ज्योति को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। आरोप है कि सोनू और अन्य अभियुक्त मोटरसाइकिल, अंगूठी और चेन की मांग करते थे। ज्योति ने मजबूरी में यह सब सहन किया और 11 अगस्त 2024 को उसने एक पुत्र को जन्म दिया। आलोक ने बताया कि 3 जनवरी 2025 की रात करीब 10 बजे, ज्योति और उनकी दूसरी बहन पूजा (जो अपने भतीजे की देखभाल के लिए सोनू के किराए के मकान पर गई थीं) की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सोनू ने दोनों को दवा दी, जिसके बाद वे बेहोश हो गईं। ज्योति का नवजात बच्चा जोर-जोर से रो रहा था, लेकिन सोनू दरवाजा बंद कर चुपके से बैठा रहा। सूचना मिलने पर आलोक और उनके परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंचे। पड़ोसियों की मदद से खिड़की तोड़कर कमरे में प्रवेश किया गया, जहां ज्योति और पूजा बेहोश पड़ी थीं। आलोक ने दोनों बहनों को तुरंत पीजीआई चक्रपारनपुर में भर्ती कराया, जहां ज्योति की मौत हो गई वहीं पूजा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे सदर अस्पताल आजमगढ़ रेफर कर दिया गया।
आलोक ने आरोप लगाया कि उसकी दोनों बहनों को जहर दे कर मरने की कोशिश की गई। उसने तरवां थाने में और पुलिस अधीक्षक के यहां गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
आलोक ने यह भी बताया कि अभियुक्त अब भी उनके परिवार को गंदी गालियां दे रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। आलोक ने बताया कि उन्होंने और उनकी मां उर्मिला ने घटना की शिकायत थाना तरवां और पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़ से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, उन्होंने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर थानाध्यक्ष तरवां को मुकदमा दर्ज करने और जांच करने का आदेश देने की गुहार लगाई है। कोर्ट के आदेश पर तरवां पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।