तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 5 फरवरी 2020 से 28 फरवरी 2025 तक राम मंदिर निर्माण और अन्य कार्यों पर कुल 2150 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमें केंद्र और विभिन्न राज्यों को करों के रूप में 396 करोड़ रुपये दिए गए, जो कुल खर्च का 18% है। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी के रूप में 272 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
विभिन्न मदों में खर्च का विवरण
इसके अलावा, 39 करोड़ रुपये टीडीएस, 14 करोड़ रुपये लेबर सेंसस, और 7.04 करोड़ रुपये पीएफ व ईएसआई सहित अन्य खर्चों पर खर्च किए गए। बीमा पॉलिसी के लिए 4 करोड़ रुपये, अयोध्या विकास प्राधिकरण को श्री राम जन्मभूमि के नक्शे के लिए 5 करोड़ रुपये, और जमीन खरीद के लिए स्टांप ड्यूटी व पंजीयन फीस पर 29 करोड़ रुपये चुकाए गए। बिजली बिल के रूप में 10 करोड़ रुपये, जबकि कर्नाटक, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों को पत्थरों की रॉयल्टी के लिए 15 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम को वाटर टैक्स का कोई भुगतान नहीं किया गया है।