शनिवार को हुआ था आखिरी ट्रायल
सूर्य तिलक को लेकर शनिवार को आखिरी ट्रायल किया गया था। आठ मिनट तक चले इस ट्रायल के दौरान इसरो के साथ-साथ आईआईटी रुड़की और आईआईटी चेन्नई के एक्सपर्ट भी मौजूद रहे थे। रामनवमी पर दूसरी बार रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया है। इसका सीधा प्रसारण देश-दुनिया के लोगों ने देखा। रामनवमी के अवसर पर बीते साल भी रामलला का सूर्य तिलक किया गया था। ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि अगले बीस साल तक लगातार सूर्य तिलक होता रहेगा।रामलला के जन्म पर अयोध्या पहुंचे थे सूर्यदेव
बता दें, श्री रामजन्मोत्सव पर सूर्य तिलक का धार्मिक महत्व है। प्रेरणा रामचरितमानस कीचौपाई- ‘मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ, रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ‘ है। चौपाई में तुलसीदास लिखते हैं कि रामलला का जब जन्म हुआ, तब सूर्य देव अयोध्या पहुंचे। इतना मोहित हुए कि एक महीने अयोध्या में रह गए। इस दौरान अयोध्या में रात नहीं हुई। भगवान राम सूर्यवंशी थे यानी सूर्य उनके कुल देवता हैं। यह भी पढ़ें