शनि 29 मार्च 2025 को अपनी स्वराशि और मूल त्रिकोण राशि कुंभ की यात्रा को पूरा करते हुए गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। यहां शनि 3 जून 2027 तक रहेंगे, फिर मेष राशि की यात्रा शुरू करेंगे। शनि के मीन राशि में गोचर होने से कुछ राशियों को लाभ तो कुछ की परेशानियों में इजाफा देखने को मिलेगा। आइये जानते हैं शनि गोचर का क्या होगा प्रभाव
शनि का मीन में गोचर, मध्य साढ़ेसाती का मीन राशि पर प्रभाव (Shani Gochar Prabhav Meen Rashi Sadesati)
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार न्याय के देवता शनिदेव 29 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इससे मीन राशि पर मध्य की साढ़ेसाती शुरू होगी। यह गोचर मीन राशि के लोगों के लिए शुभ रहने वाला है, जो जातक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में सफलता प्राप्त हो सकती है।
मीन राशि वाले व्यापार-व्यवसाय में कोई नया आइडिया या प्रभावशाली योजना का विस्तार कर सकते हैं। इस अवधि में विदेश से धन लाभ हो सकता है। जातक को सलाह दी जाती है कि इस अवधि में शेयर मार्केट में निवेश करने से बचें और अन्य प्रलोभन वाली चीजों से भी बचें अन्यथा नुकसान हो सकता है।
इस अवधि में कोई निकट का व्यक्ति धोखा दे सकता है। सतर्क रहें। प्रतिदिन सूर्यास्त के पश्चात शनि चालीसा का पाठ करें। ये भी पढ़ेंः Shani Rashi Parivartan: 24 साल बाद मीन राशि में शनि बनाएंगे षटग्रही योग, कोर्ट के धार्मिक केस में आएगी तेजी, ये बदलाव भी होंगे
शनि गोचर का उपाय (Shani Gochar Upay)
कुंडली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस समय शिव उपासना और हनुमत उपासना करें, मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान चालीसा और शनि चालीसा का पाठ करें।शनिवार के दिन शनि मंदिर में छाया दान अवश्य करें। गरीब, वृद्ध, असहाय लोगों को भोजन कराएं। पशु पक्षियों के लिए दाने, हरे चारे, पानी की व्यवस्था करें। तेल का दान भी करना चाहिए। तेल दान करने से आपको अपने कष्टों से छुटकारा मिलता है।
शनिवार को लोहे से बनी चीजों को दान करना चाहिए। इस दिन लोहे का सामान दान करने से शनि देव शांत होते हैं। लोहा दान देने से शनि की दृष्टि निर्मल होती है।
काले कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं। सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।