आर्चबिशप टोपनो (Pascal Topno passed away) का जन्म 15 जून 1932 को झारखंड के कोनेलोआ गांव में एक धार्मिक कैथोलिक परिवार में हुआ था। प्रारंभ से ही आध्यात्मिकता और प्रार्थना उनके जीवन का आधार रही। 20 जून 1953 को उन्होंने सीतागढ़ में येसु समाज के नवशिष्यालय में प्रवेश कर सोसाइटी ऑफ जीसस (जेसुइट्स) में कदम रखा।
धार्मिक अध्ययन हेतु उन्हें बेल्जियम भेजा गया, जहां 31 जुलाई 1965 को उन्हें पुरोहित अभिषेक प्राप्त हुआ। टेरशियनशिप पूरा करने के उपरांत उन्होंने कुनकुरी के लोयोला स्कूल में शिक्षक, रेक्टर और प्रिंसिपल के रूप में सेवाएं दीं।
Pascal Topno passed away: अंबिकापुर के बने दूसरे धर्माध्यक्ष
वे (Pascal Topno passed away) रांची येसु समाज के प्रोविंशियल नियुक्त किए गए। 28 अक्टूबर 1985 को उन्हें अंबिकापुर का दूसरा धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया। जबकि 18 जनवरी 1986 को उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक हुआ। 20 मई 1994 तक उन्होंने अंबिकापुर धर्मप्रांत की सेवा की।
इसके पश्चात 17 जुलाई 1994 को वे भोपाल महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप नियुक्त किए गए। अपने कार्यकाल में उन्होंने कलीसिया का मार्गदर्शन अत्यंत सरलता, आध्यात्मिक गहराई और ईमानदारी के साथ किया। 15 जून 2007 को 75 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हुए।
9 अप्रैल को होगा अंतिम संस्कार
सेवानिवृत्ति के बाद वे अंबिकापुर के ख्रीस्त मिलन आश्रम में निवास कर रहे थे। उन्होंने इस स्थान को “प्रिपेरेशन फॉर हैप्पी डेथ” (पीएचडी) के लिए चुना था और वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका (Pascal Topno passed away) अंतिम संस्कार अंबिकापुर के बेदाग ईश माता महागिरजा नवापारा कैथेड्रल में 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे किया जाएगा।
पूर्व राज्यपाल ने कही थीं ये बातें
पास्कल टोपनो (Pascal Topno passed away) के विषय में पूर्व राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ ने कहा था कि “फादर टोपनो, मैं आप में एक सच्चा इंसान देखता हूं, आपकी उपस्थिति मुझे भगवान का एहसास कराती है।”