अलवर। राजस्थान के अलवर जिले में बेमौसम बारिश से फसलों को 90 फीसदी तक नुकसान हुआ है। शुक्रवार और शनिवार को बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों की फसल चौपट कर दी। सरसों, गेहूं, जौ और चने की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं।
अलवर जिले में रबी सीजन में दो लाख 35 हजार हेक्टेयर रकबे पर बुवाई हुई। इसमें से 3022 हेक्टेयर रकबे पर फसल चौपट हो गई। इसमें सरसों का रकबा सबसे ज्यादा है। सरसों का 2322 हेक्टेयर और गेहूं 700 हेक्टेयर में खराब हुआ है।
रविवार को कृषि विभाग की टीम ने लक्ष्मणगढ़ इलाके में पहुंचकर फसल का जायजा लिया। इस दौरान संयुक्त निदेशक कृषि पीसी मीणा, सहायक निदेशक कृषि मंगतू राम शर्मा, कृषि विभाग के क्षेत्रीय कार्मिक जयवीर सिंह आदि मौजूद रहे।
मुआवजे में होगी देरी
संयुक्त निदेशक कृषि पीसी मीणा ने बताया कि लक्ष्मणगढ़, कठूमर, खेरली और अन्य क्षेत्रों में बारिश के कारण फसलों का नुकसान हुआ है। फसल क्लेम के नए नियमों के तहत दो प्रकार से फसल नुकसान का सर्वे होता है, जिसमें एक तो कटी हुई फसल हो, दूसरी फसल खडी हो। इसमें कटी हुई फसल का व्यक्तिगत सर्वे होता है और खड़ी फसल का सर्वे कटाई के बाद होगा।
कटाई के बाद होने वाले सर्वे में यह देखा जाता है कि बारिश के कारण पैदावार पर कितना असर पड़ा है और कितनी पैदावर कम हुई है। वहीं, दूसरी ओर किसानों को मुआवजा देरी से मिल सकता है। अभी गेहूं की फसल कटाई एक महीने बाद होगी। ऐसे में विभाग इसको भूल भी सकता है।