8 साल पहले पास किया था प्रस्ताव पास
यूआईटी ने 8 साल पहले नए बस स्टैंड के लिए प्रस्ताव पास किया था। हनुमान सर्किल पर इसे स्थापित करने की योजना थी। मंदिर माफी की जमीन यहां काफी बड़ी है। सड़क के दोनों ओर जमीन होने से आसानी होगी। करीब 50 बीघा जमीन यहां देख ली गई।यूआईटी यह जगह बस स्टैंड के लिए देने को तैयार है, लेकिन निगम ने अब तक सहमति नहीं जताई। वर्तमान रोडवेज बस स्टैंड की अपनी करीब 3 हेक्टेयर जमीन है, जो कम है। हालांकि यह शहर के मध्य में होने के कारण बेशकीमती है। यदि यहां से बस स्टैंड हनुमान सर्किल पर आएगा तो यूआईटी इस जमीन पर दूसरा प्रोजेक्ट लॉन्च कर सकती है।
यह हो रही दिक्कत
हनुमान सर्किल पर रोडवेज बस स्टैंड भले ही मंजूर हो गया हो, लेकिन इसकी राह आसान नहीं है। इसे जमीन पर लाने के लिए जमीन चाहिए, जो 8 साल में भी नहीं मिल पाई। यूआईटी जमीन का करार राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) से करेगी। इसके लिए पत्राचार हो चुका, लेकिन बात नहीं बन पाई। बताते हैं कि निगम अपनी जमीन शहर से नहीं छोड़ना चाहता। यह जमीन कीमती है। हालांकि यूआईटी ने साफ कर दिया कि इसी कीमत की जमीन वह देगी।पुराना रोडवेज बस स्टैंड पूरा ही हनुमान सर्किल पर स्थापित करने की योजना है, लेकिन इसके लिए रोडवेज प्रशासन की सहमति जरूरी है। जमीन उसी के बाद अलॉट की जाएगी। – स्नेहल नाना, सचिव यूआईटी
पूरा ही बस स्टैंड का शिफ्ट होना जरूरी
शहर में बने पुराने रोडवेज बस स्टैंड की जमीन कम है। बसों के संचालन से यातायात का भार शहर में बढ़ रहा है, जिससे जनता को परेशानी होती है। अन्य वाहन जैसे टैक्सी, रिक्शा आदि भी सवारियों के लिए यहां खड़े होते हैं, जिससे जाम लगता है। ऐसे में पूरा रोडवेज बस स्टैंड ही हनुमान सर्किल पर शिफ्ट होना चाहिए। इसके लिए प्रस्ताव विभागों को जल्दी आगे बढ़ाने चाहिए ताकि जल्द बस स्टैंड बन सके। –प्रमोद शर्मा, रिटायर्ड एक्सईएन, यूआईटीरोडवेज बस स्टैंड के मामले में सभी निर्णय मुख्यालय स्तर से होंगे। हमारे स्तर से इसमें कोई भी निर्णय नहीं होना है। सपना मीणा, चीफ मैनेजर, अलवर डिपो
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