थानाधिकारी नंदलाल जांगिड़ ने बताया कि मृत्यु के कारणों की जांच के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में भेजा गया था। लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और पोस्टमार्टम नहीं करने की लिखकर शव को लेकर चले गए। पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर इसे एक प्राकृतिक मृत्यु का मामला माना है। 27 मार्च को भी दीपेश को इसी तरह स्कूल में दौरा आया था। लेकिन उस दौरान वह कुछ देर में ही ठीक हो गया था।
छाई शोक की लहर
इस घटना से स्कूल में मौजूद अन्य छात्रों, शिक्षकों और दीपेश के परिजनों में शोक छा गया। दीपेश के परिवार में उसके माता-पिता के अलावा अन्य परिजन हैं, जो इस घटना से गहरे सदमे में हैं। स्कूल प्रशासन ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया और कहा कि दीपेश एक होनहार और मिलनसार छात्र था। बच्चे की स्कूल में मौत का मामला
बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 11:30 बजे के करीब लेकर के आए थे। जिस समय बच्चे की जांच की वह मृत था। परिवार वालों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। इस कारण मौत के सही कारणों पता नहीं लग सका। संभावित बच्चे में जन्मजात कोई विकृति हो सकती है।
डॉ. पंकज सैनी, चिकित्सक, कोटकासिम