उन्होंने कहा कि सीबीएसई और आरबीएसई में हमेशा विदेशी लोगों को ही वैज्ञानिक और महापुरुष बताया गया है। क्या हमारे भारत के सभी लोग मूर्ख थे जो कोई भी विद्वान नहीं हुआ। विद्यार्थियों को रामकृष्ण, महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी के बारे में हमें पढ़ाना होगा। अब शिक्षा में बदलाव जरूर होगा कुछ कम्युनिस्ट, देसी, विदेशी ताकत भी बदलाव रोक नहीं सकती। बोर्ड का मतलब कैलकुलेशन है। भारतीय शिक्षा बोर्ड की किताबें सबसे बेस्ट है। विदेशी कंपनियों की लूट से भारत को बचाना होगा ईस्ट इंडिया कंपनी लुटेरी थी करोड़ मिलियन की भारत में उसने लूट की थी। इस दौरान भारतीय शिक्षा बोर्ड के रिटायर्ड सचिव एमपी सिंह, विधायक सुखवंत सिंह, प्रधान गोपाल चौधरी, मंडल अध्यक्ष मगन फौजी, कमल भादवा, राधा अरोड़ा, अंकित खंडेलवाल आदि कार्यक्रम में शामिल हुए।विद्यार्थियों को दी जा रही गुणवत्ताहीन शिक्षा
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को आज गुणवत्ताहीन शिक्षा दी जा रही है। सबके दिमाग में खराबी है, जिसे भारतीय शिक्षा से ही निकाला जा सकता है। उसके बाद उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र से जब जानवरों में बुद्धि आ सकती है तो इंसानों में क्यों नहीं। हमने हमारे आश्रम पर खरगोश को गायत्री मंत्र कान में सुनाया था। माता और बहन घर पर खाना बनाते समय 108 बार गायत्री मंत्र को सुनें, जिससे बच्चों में अच्छी शिक्षा आए लेकिन माता बहन खाना बनाते समय लड़ाई झगड़ा करती रहती है तो बच्चों में वही प्रवृत्ति आती है।सीएम से प्रशासन की करेंगे शिकायत
योग गुरु ने रामगढ़ विधायक सुखवंत सिंह की मौजूदगी में कहा कि प्रशासन द्वारा हमसे एक लाख रुपया लिया गया है। इसकी शिकायत हम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से करेंगे। हमने मुख्यमंत्री को फोन भी किया था, लेकिन उनके पीए ने फोन उठाया था। सरकार नियम में संशोधन करे, बाबा को न लूटे। बाबाओं के पास धन कहां से आता है, लूटने के लिए तो और ही बहुत है।
मंच से लोगों को योग सिखायाबाबा रामदेव ने कहा कि योग के दम पर हमने इंटरनेशनल कंपनियों को हमने झुकाया है। विद्यार्थियों, माताओं, गुरुजनों, अभिभावकों सभी को प्रातः योग करना चाहिए। योग करने से जीवन स्वस्थ रहता है और मस्तिष्क भी मजबूत होता है। उन्होंने मंच पर अनुलोम विलोम करके दिखाया।